महागौरी-सिद्धिदात्री दोनों देवियों की आज होगी पूजा, कन्याओं को भोजन कराया जाएगा

महागौरी-सिद्धिदात्री दोनों देवियों की आज होगी पूजा, कन्याओं को भोजन कराया जाएगा

लोक संस्कृति

आज से दो दिन पूरे देश भर में महानवमी और दशहरा की धूम शुरू हो गई है। आज नवरात्रि की अष्टमी और नवमी, दोनों तिथियां हैं। अष्टमी तिथि का आरंभ 10 अक्टूबर दोपहर 12: 31 मिनट पर शुरू हो चुकी है और जिसका समापन 11 अक्टूबर यानी आज दोपहर 12: 06 मिनट पर होगा। फिर, नवमी तिथि आज दोपहर 12:06 मिनट से शुरू हो जाएगी और समापन 12 अक्टूबर को सुबह 10: 58 मिनट पर होगा।

इसी के साथ शारदीय नवरात्रि पर्व का शुक्रवार को समापन हो जाएगा। आज देवी की विशेष पूजा, हवन, कन्या भोज और जागरण होगा। कुछ जगहों पर आज ही महागौरी और सिद्धिदात्री, दोनों देवियों का पूजन किया जाएगा। देवी विसर्जन और दशहरा 12 अक्टूबर को होगा। अष्टमी पर देवी चामुंडा रूप में प्रकट हुई थीं और नवमी को महारूप में देवताओं को दर्शन दिए थे, इसलिए ये तिथियां खास मानी जाती हैं। इन तिथियों पर शक्तिपीठों में देवी की महापूजा और श्रृंगार होता है। कन्या पूजन भी किया जाता है।

देवी शक्तिपीठों में नवरात्रि की अष्टमी और नवमी पर देवी की महापूजा होती है। देवी का अभिषेक होता है। फूलों और सौभाग्य सामग्रियों से देवी का अर्चन किया जाता है। इन तिथियों पर चंडी पाठ और हवन होता है। तंत्र शक्तिपीठों पर बलि दी जाती है।नवरात्रि में सभी तिथियों को एक-एक और अष्टमी या नवमी को नौ कन्याओं की पूजा होती है। दो वर्ष की कन्या (कुमारी) के पूजन से दुख और दरिद्रता मां दूर करती हैं। तीन वर्ष की कन्या त्रिमूर्ति रूप में मानी जाती है। त्रिमूर्ति कन्या के पूजन से धन-धान्‍य आता है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। चार वर्ष की कन्या को कल्याणी माना जाता है। इसकी पूजा से परिवार का कल्याण होता है। जबकि पांच वर्ष की कन्या रोहिणी कहलाती है। रोहिणी को पूजने से व्यक्ति रोगमुक्त हो जाता है। छह वर्ष की कन्या को कालिका रूप कहा गया है। नवरात्रि में कन्या पूजन सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। कन्या पूजन के साथ ही नवरात्रि के व्रत का समापन हो जाता है और नवरात्रि का पूजन पूर्ण हो जाता है। नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन करने की परंपरा है। इस परंपरा का विशेष महत्व माना जाता है।

हिंदू धर्म में कन्या को देवी का स्वरूप माना जाता है। इसलिए, कन्या पूजन के माध्यम से देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। मान्यता है कि कन्याओं में देवी का निवास होता है। ये भी मान्यता है कि कन्या पूजन करने से सुख-समृद्धि आती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। कन्या पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। भारत में नवरात्रि के त्योहार को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, जो 9 दिनों तक चलता है। इस दौरान पंड़ालों में देवी दुर्गा की मूर्ति को स्थापित कर विधि विधान से उनकी पूजा की जाती हैं। साथ ही गरबा, डांडिया व जागरण जैसे धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।