आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए रणनीतियों पर हुई चर्चा

आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए रणनीतियों पर हुई चर्चा

निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड की अध्यक्षता में आशा एवं आईईसी की प्रथम त्रैमासिक समीक्षा बैठक संपन्न

देहरादून/लोक संस्कृति

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड के निदेशक डॉ मनु जैन की अध्यक्षता में आशा (Accredited Social Health Activist) एवं सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) कार्यक्रम की प्रथम त्रैमासिक समीक्षा बैठक का आयोजन एनएचएम सभागार में किया गया। बैठक में पिछले तीन महीनों (अप्रैल-जून) में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए कार्यों व आईईसी की समीक्षा की गई।

बैठक का मुख्य उद्देश्य आशा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन की समीक्षा करना और आईईसी के प्रभाव का आकलन करना रहा। बैठक में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए रणनीतियों पर चर्चा की गई। इस दौरान आईईसी अभियानों की प्रगति और उनकी प्रभावशीलता पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।

डॉ मनु जैन, निदेशक, एनएचएम द्वारा बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से राज्य में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आई है और टीकाकरण कवरेज में सुधार हुआ है।

IEC कार्यक्रम के अंतर्गत चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों पर भी विस्तृत चर्चा की गई। जिस पर डॉ जैन ने कहा कि जन जागरूकता के लिए सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता है, ताकि जन समुदाय को स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के बारे में सही जानकारी प्राप्त हो सके।

निदेशक डॉ जैन ने आशा कार्यकर्ताओं के समर्पण और मेहनत की सराहना की और कहा कि उनके द्वारा समुदाय के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। उन्होंने भविष्य के लिए योजना बनाने और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि राज्य में सभी स्वास्थ्य सेवाएँ सुचारू रूप से संचालित की जाए।

बैठक में आगामी तिमाही के लिए लक्ष्यों और योजनाओं पर भी चर्चा की गई, जिसमें आशा और आईईसी कार्यक्रमों की गुणवत्ता और पहुंच को और बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

बैठक के अंत में, विभिन्न जिलों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर अगले त्रैमासिक की योजना बनाई गई। निदेशक ने आशा कार्यकर्ताओं की समस्याओं और सुझावों को गंभीरता से सुनने और उन्हें जल्द से जल्द हल करने का आश्वासन दिया। उन्होंने सभी जिलों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को और अधिक सशक्त बनाएं और आईईसी गतिविधियों को प्राथमिकता दें।

बैठक में राज्य के विभिन्न जिलों से आए अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, बिहेवियर चेंज कम्युनिकेशन फैसिलिटेटर, जिला कम्युनिटी मोबिलाइजर और अन्य संबंधित स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।