प्रधानमंत्री मोदी ने मोटे अनाज को दिलाई नई पहचान, आज उच्च वर्ग में भी है मांग : डॉ. प्रेमचन्द अग्रवाल
- पहाड़ का भोजन सभी पोषक तत्वों युक्त, 7वें राष्ट्रीय पोषण माह पर महिला आयोग ने किया जागरूक
- महिलाओं को विभिन्न प्रकार के पोषण व मजबूती देता है मोटा अनाज : कुसुम कण्डवाल
ऋषिकेश/लोक संस्कृति
आज देहरादून जनपद के ऋषिकेश में खैरीकला, श्यामपुर में राणा फार्म हाउस में उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग के सहयोग से 7वें पोषण माह “स्वस्थ भारत का पोषण” विषय पर कार्यक्रम करते हुए जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचन्द अग्रवाल, महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल, महिला आयोग के सदस्य व सदस्य सचिव उर्वशी चौहान द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचन्द अग्रवाल ने इस कार्यक्रम के अवसर पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष को बधाई देते हुए कहा कि जबसे हमारी बहन कुसुम कण्डवाल ने अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है तबसे राज्य महिला आयोग महिलाओं से सम्बंधित सभी विषयों को लेकर काम कर रहा है यह गर्व की बात है कि आज महिलाओं की आवाज बनकर महिला आयोग समाज मे नए रूप में सामने आया है।
वहीं उन्होंने कहा कि यह अच्छा विषय है कि आज राष्ट्रीय महिला आयोग विभिन्न राज्यों के साथ मिलकर 7वां पोषण माह को उत्साह पूर्वक रहा है। उन्होंने कहा की माँ बच्चे को अपना दूध पिलाती है क्योंकि माँ के दूध का कोई भी विकल्प नही है। इसी तरह मोटे अनाज का भी कोई विकल्प नही है।
उन्होंने कहा कि जबसे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटे अनाज को प्रमोट किया है तबसे मोटे अनाज की मांग समाज के उच्च से उच्च सहित हर वर्ग मे लगातार बढ़ रही है।
वहीं महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कहा कि 2018 से प्रधानमंत्रीने इस अभियान की शुरुआत की थी और सरकार हर वर्ष इसे पूरे सितम्बर माह में उत्साह पूर्वक मनाती है, उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सहयोग से आज हम राज्य की मातृशक्ति को पोषण माह के अवसर पर पोषक तत्वों युक्त भोजन सहित विभिन्न विषयों पर भी जागरूक कर रहे है। उन्होंने मोटे अनाज की गुणवत्ता बताते हुए कहा की इससे युक्त भोजन महिलाओं को विभिन्न प्रकार के पोषण व मजबूती देता है।
कार्यशाला में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों द्वारा महिलाओं को जागरूक किया गया।
जिसमें आहार विशेषज्ञ के रूप में एम्स ऋषिकेश की चिकित्सक डॉ अर्चना द्विवेदी ने सही, पूर्ण व नियमित आहार सहित एनीमिया आदि विषय की जानकारी दी।
मनोचिकित्सक के रूप में एम्स ऋषिकेश के डॉ अनन्य दास ने मानसिक समस्याओं के शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव व उनके निवारण के विषय मे जानकारी दी।
योग के विषय पर प्रसिद्ध योगाचार्य डॉ लक्ष्मी नारायण जोशी ने महिलाओं को योग की जानकारी दी तथा स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव डालने वाले विभिन्न योगों संबंधी विषय की जानकारी दी।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ वंदना राजपूत ने प्रतिभागियों को मासिक धर्म सहित महिलाओं सम्बन्धी विभिन्न समस्याओं की जानकारी उपलब्ध कराई व उनके निवारण भी बताए।
वहीं पुलिस के उप निरीक्षक चिंतामणि मैठाणी ने महिलाओं को साइबर अपराध व उनके अधिकारों के लिए कानूनी जागरूकता विषय पर जानकारी दी।
तथा बाल विकास परियोजना अधिकारी नेहा सिंह ने महिलाओं को पोषण व महिला सशक्तिकरण विभाग सम्बधी विभिन्न विषयों की जानकारी उपलब्ध कराई।
कार्यक्रम के अंत मे राज्य महिला आयोग की सदस्य सचिव उर्वशी चौहान में महिला आयोग की कार्यशैली व आयोग के कार्यों से महिलाओं को अवगत कराते हुए समस्त प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम का संचालन विधि अधिकारी दयाराम सिंह द्वारा किया गया। साथ ही कार्यक्रम में वीरभद्र जनकल्याण समिति की बहनों द्वारा विभिन्न माँगल गीत प्रस्तुत किये गए। कार्यक्रम में विभाग की और से महिलाओं को महालक्ष्मी किट भी वितरित की गई तथा पोषण प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। कार्यक्रम के उपरान्त कैबिनेट मंत्री व महिला आयोग की अध्यक्ष सहित सभी प्रतिभागियों ने साथ में मोटे अनाज का गुणवत्ता युक्त भोजन का आनंद भी उठाया।
जागरूकता कार्यशाला में आयोग के सदस्यों में रेनु पाण्डे, विमला नैथानी, वैशाली नरूला, कमला जोशी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर दिनेश पयाल, सुमित पंवार, माधवी गुप्ता, उषा जोशी, सोनी रावत, निर्मला उनियाल, सुधा बिष्ट, सीमा रानी, रुचि जैन, अनिता तिवारी, रूपेश गुप्ता, मंजीत राठौर, आंगनबाड़ी बहने, बाल विकास विभाग के कर्मचारी व आयोग के कर्मचारीगण उपस्थित रहे।