राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विभिन्न क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वाले 68 विभूतियों को पद्म पुरस्कार से किया सम्मानित

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विभिन्न क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वाले 68 विभूतियों को पद्म पुरस्कार से किया सम्मानित

लोक संस्कृति डेस्क

राजधानी दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार शाम को एक भव्य समारोह में कला, साहित्य, शिक्षा, सार्वजनिक मामलों, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान, खेल और उद्योग जैसे विविध क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने वाले 68 व्यक्तियों को पद्म पुरस्कार प्रदान किए। भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं- पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री। इस साल सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर कुल 139 पद्म पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की थी। ऐसे में पद्म पुरस्कार के इस दूसरे चरण में सम्मानित होने वालों में 4 पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 57 पद्म श्री पुरस्कार विजेता शामिल थे।

इस समारोह का विशेष महत्व था क्योंकि इसमें 13 को मरणोपरांत यह सम्मान दिए गए, जिसमें उन दिग्गजों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने क्षेत्र में एक स्थायी विरासत छोड़ी है। इस वर्ष का समारोह “राष्ट्र प्रथम, जनता प्रथम” की भावना की पुष्टि करता है, जिसमें पुरस्कार विजेता भारत की सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और मानवीय विविधता को दर्शाते हैं।

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अन्य गणमान्य लोगों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का सबसे भावुक क्षण दिवंगत भोजपुरी और लोक गायिका डॉ. शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाना था, जिनके संगीत ने भारतीय जनमानस के हृदय में गहरी छाप छोड़ी। यह सम्मान उनके बेटे अंशुमान ने ग्रहण किया। इस दौरान वे मंच पर काफी भावुक नजर आए। शारदा सिन्हा को बिहार की सांस्कृतिक पहचान माना जाता है। वे बिहार कोकिला के नाम से मशहूर हैं। उन्होंने छठ पूजा से लेकर विवाह गीतों तक लोकजीवन के हर रंग को अपनी आवाज में पिरोया।

वहीं पद्म विभूषण पाने वालों में दुव्वुर नागेश्वर रेड्डी, पूर्व मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर, शास्त्रीय नृत्यांगना कुमुदिनी लाखिया और वायलिन वादक डॉ. एल. सुब्रमण्यम शामिल थे। इस श्रेणी में मरणोपरांत पुरस्कार प्रसिद्ध मलयालम लेखक एम.टी. वासुदेवन नायर और जापानी उद्योगपति ओसामु सुजुकी को भी दिया गया, जिन्हें भारत के साथ सुजुकी की साझेदारी में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाना जाता है।

साध्वी ऋतंभरा ने राम जन्मभूमि आंदोलन में निभाई थी सक्रिय भूमिका

पद्म भूषण पुरस्कार पाने वालों में सामाजिक कार्यकर्ता साध्वी ऋतंभरा, जिन्हें राम जन्मभूमि आंदोलन में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है। दीदी मां के नाम से जानी जाने वाली साध्वी ऋतंभरा को विशेष रूप से वंचित बच्चों, महिलाओं और कमजोर वर्गों के उत्थान व सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वे राम मंदिर आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभा चुकी हैं। उन्होंने 1990 के दशक में महिला संगठन दुर्गा वाहिनी की स्थापना की थी।

अभिनेता-राजनेता नंदमुरी बालकृष्ण और प्रसिद्ध पत्रकार और लेखक ए. सूर्य प्रकाश शामिल हैं। वहीं, मरणोपरांत पद्म भूषण पाने वालों में प्रसिद्ध गायक पंकज उधास, वरिष्ठ राजनेता मनोहर जोशी और अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय शामिल हैं।

सम्मानों का सबसे बड़ा हिस्सा पद्म श्री श्रेणी में आया, जिसमें 57 व्यक्तियों को देश भर में उनके जमीनी और अभिनव योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इसमें प्रमुख नामों में पार्श्व गायक अरिजीत सिंह, क्रिकेटर आर. अश्विन, लेखिका प्रतिभा सत्पथी, एसबीआई की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य और वायलिन वादक तेजेंद्र नारायण मजूमदार शामिल हैं।

सूची में विदेशी नागरिक, एनआरआई, पीआईओ और ओसीआई (कुल दस) भी शामिल हैं, जो वैश्विक योगदान के लिए भारत की स्वीकृति को दर्शाता है।

विशेष रूप से, पुरस्कार विजेताओं में से 23 महिलाएं हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में महिला उत्कृष्टता की बढ़ती मान्यता को प्रदर्शित करती हैं।

पद्म पुरस्कार गुमनाम नायकों को सम्मानित करना जारी रखते हैं। उनमें से कई दूरदराज के क्षेत्रों से हैं, जिन्होंने सुर्खियों की चाहत के बिना अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इससे पहले 28 अप्रैल को पहले चरण की अवॉर्ड सेरेमनी में 71 हस्तियों को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। इनमें 4 पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 57 पद्म श्री पुरस्कार दिए गए।

सरकार ने गणतंत्र दिवस से पहले 2025 के लिए 139 पद्म पुरस्कारों का एलान किया था। 19 हस्तियों को पद्म भूषण के लिए चुना गया था। 113 हस्तियों को इस बार पद्म श्री से सम्मानित किया गया।