केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) की यात्रा में खच्चरों ने हेलीकाप्टर सेवा को भी छोड़ दिया है पीछे

केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) की यात्रा में खच्चरों ने हेलीकाप्टर सेवा को भी छोड़ दिया है पीछे

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला

इन द‍िनों तीर्थयात्री चारधाम की यात्रा कर रहे हैं। लेक‍िन हर वर्ष की तरह इस बार भी बड़ी संख्‍या में तीर्थयात्री केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं। चारधाम की यात्रा पर आए कुल 30 लाख तीर्थयात्र‍ियों में से अकेले 10.3 लाख श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शनों के ल‍िए पहुंचे हैं। और द‍िलचस्‍प बात यह है क‍ि इस यात्रा के दौरान राजस्‍व अर्ज‍ित करने के मुद्दे में खच्‍चरों ने हेल‍कॉप्‍टर सेवा को भी पीछे छोड़ द‍िया है। श्रद्धालुओं को खच्‍चर की सेवा खूब पसंद आ रही है। इसके चलते खच्‍चरों की कमाई जहां 82.4 करोड़ रुपए र‍िकॉर्ड की गई है, वहीं हेल‍िकॉप्‍टरों का राजस्‍व मात्र 56.4 करोड़ रुपए आंका गया है। इस बार भी खच्‍चरों की कमाई हेलिकॉप्‍टरों के राजस्‍व के मुकाबले 46 प्रतिशत ज्‍यादा र‍िकॉर्ड क‍िया गया है। प‍िछले वर्ष भी यह कमाई ज्‍यादा र‍िकॉर्ड की गई थी।

टीओआई में प्रकाश‍ित र‍िपोर्ट के मुताब‍िक भले ही खच्‍चरों के प्रत‍ि उनके माल‍िकों के सख्त और क्रूरता वाला रवैया सामने आता रहा हो। लेक‍िन खच्‍चर उत्‍तराखंड गवर्नमेंट के ल‍िए राजस्‍व अर्जन का बड़ा साधन बने हुए हैं। जब से केदारनाथ यात्रा की आरंभ हुई है तब से खच्‍चरों ने अपनी कमाई में वृद्धि दर्ज की है। अभी तक वह 82.4 करोड़ रुपये अर्ज‍ित कर चुके हैं जबक‍ि हेलि‍कॉप्‍टर की सेवा से मात्र 56.4 करोड़ रुपए ही अर्ज‍ित हुए हैं।इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी मानी जा रही है क‍ि इस बार मौसम भी गड़बड़ रहा है। इस वर्ष गर्मियों में खासकर अप्रैल और मई के पीक सीज़न के दौरान भी खूब बारिश हुई है ज‍िससे हेलिकॉप्टर यात्राएं सीमित हो गईं। बार‍िश के समय, कम दृश्यता और तेज़ हवाओं की वजह से हेलिकॉप्टरों के लिए उड़ान भरना मुश्किल और जोखिम भरा हो जाता है। ऐसे में जरूरतमंद तीर्थयात्र‍ियों के ल‍िए खच्‍चर की सेवा ही एकमात्र सहारा होती है।

बताते चलें क‍ि केदारनाथ यात्रा करीब 7 माह तक चलती है। इन सात माह में करीब 3 माह तक मॉनसून रहता है ज‍िसके चलते हेलिकॉप्टरों की संख्या काफी कम हो जाती है। मौसम की खराब स्‍थ‍िति की वजह से हेल‍िकॉप्‍टर सेवा सीमि‍त अवध‍ि में ही उपलब्‍ध रहते हैं। इसके चलते खच्चर ही काम करते हैं। वहीं इस वर्ष तो मॉनसून आने से पहले ही गर्मियों में अप्रैल और मई के पीक सीज़न के दौरान बरसे बादलों ने खच्‍चरों की ड‍िमांड को खूब बढ़ा द‍िया ज‍िसके चलते हेलिकॉप्टर यात्राएं सीमित हो गईं। इससे इसकी कमाई पर बड़ा असर पड़ा है। केदारनाथ यात्रा के दौरान प‍िछले वर्ष खच्चरों ने 101 करोड़ रुपये और हेलिकॉप्टर कंपनियों ने स‍िर्फ 75 करोड़ रुपये कमाए थे। वहीं खच्‍चरों ने इस बार भी हेल‍िकॉप्‍टर कंपन‍ियों को कमाई के मुद्दे में पछाड़ द‍िया है। इस वर्ष अभी तक 10.3 लाख तीर्थयात्री केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं, जो चारधाम यात्रा पर आए कुल 30 लाख तीर्थयात्रियों में से सबसे अधिक हैं। हालांकि, 2022 की यात्रा की तुलना में घोड़े-खच्चरों की मौत का यह आंकड़ा बेहद कम है। प्रशासन और पशुपालन विभाग इस बार यात्रा में पशुओं के लिए काफी व्यवस्थाएं की हैं। वहीं, अब तक नियमों के खिलाफ काम करने वाले 100 घोड़े खच्चर संचालकों का चालान किया गया है, जबकि तीन के खिलाफ पशु क्रूरता-रोधी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।केदारनाथ धाम की यात्रा में प्रथम चरण में रुद्रप्रयाग जनपद के घोड़े-खच्चर संचालकों को ही अनुमति मिली थी, लेकिन विरोध के बाद अब चमोली व टिहरी जनपद के जिलों के घोड़े-खच्चर संचालकों को भी धाम तक जाने की स्वीकृति मिली थी।

(लेखक वर्तमान में दून विश्वविद्यालय कार्यरतहैं )