डेंगू के लिहाज से फिलहाल चुनौतियां बरकरार हैं

डेंगू के लिहाज से फिलहाल चुनौतियां बरकरार हैं

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला

उत्तराखंड में राजधानी समेत कई जिलों में डेंगू का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। लेकिन सवाल यह उठता है कि डेंगू के बढ़ते मामलों का जिम्मेदार कौन है? क्या स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, जिला प्रशासन पहले से ही डेंगू की रोकथाम के लिए व्यवस्था नहीं कर पाया। पहले से ही यह अंदेशा नहीं था कि मानसून सीजन के बाद डेंगू के मामले बढ़ेंगे, जिस वजह से अब प्रदेश से कई जिलों में डेंगू को लेकर हाहाकार मचा है। अभी बीमारी महामारी का रूप ले चुकी है। शहर में डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ही जिम्मेदार नहीं है,बल्कि इसके अलावा नगर निगम भी जिम्मेदार है। जिस पर सफाई के अलावा फागिंग और छिड़कावका जिम्मा है।

देहरादून में डेंगू के लिहाज से जो इलाके हॉटस्पॉट बन रहे हैं वहां कहीं ना कहीं सरकारी निर्माण अधूरे पड़े हुए हैं जहां पानी रूक रहा है वहीं डेंगू फैलने का खतरा और ज्यादा बढ़ गया शहर में डेंगू की शुरुआती मामले भी ऐसे ही जगह से सामने आए थे जहां स्मार्ट के निर्माण कार्यों की वजह से पानी रूक रहा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिन इलाकों को डेंगू का हॉटस्पॉट घोषित किया गया है,उन इलाकों में निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। देहरादून726, हरिद्वार 236, नैनीताल174, पौड़ी 121, टिहरी 3,  उधम सिंह नगर 29, अल्मोड़ा 5,  बागेश्वर 2, चमोली 15, चंपावत 0,  पिथौरागढ़ 0,, रुद्रप्रयाग 4,  उत्तरकाशी 0 यह आंकड़े स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए हैं ।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक प्रदेश भर में डेंगू से 14 लोगों की मौत हुई है। जबकि प्रदेश के सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में डेंगू से हाहाकार मचा हुआ है। अस्पतालों में बेड न मिलने की वजह से मरीज भटक रहे हैं वहीं प्लेटलेट्स की भी राजधानी में काफी दिक्कत हो रही है। ऐसे सवाल खड़ा होता है कि क्या संबंधित विभाग पहले से डेंगू से लड़ने के लिए तैयार नहीं थे जो इस बार डेंगू महामारी का रूप लेता जा रहा है। देहरादून जनपद को तीन जॉन में बांटते हुए सर्वे किया गया था .. जिस सर्वे रिपोर्ट में ज्यादातर लोगों ने नगर निगम को इस महामारी के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

देहरादून ने की 400 लोगो के इस सर्वे में 146 लोगों ने नगर निगम, 87 लोगो ने स्वास्थ्य विभाग को,60 लोगो ने स्मार्ट सिटी के कार्यों को, 29 लोगो ने दून हेल्थ सिटी को जिमेदार ठहराया है।डेंगू फैलाने वाले मच्छर का डंक कमजोर होने का नाम नहीं ले रहा है। मैदान से लेकर पहाड़ तक डेंगू के एकाध नहीं बल्कि अनेक मामले मिल रहे हैं।

बीते सोमवार को देहरादून सहित पांच जिलों में डेंगू के 75 नए मामले मिले। पौड़ी में सबसे अधिक 34 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। प्रदेश में अभी तक डेंगू के 1663 मामले मिल चुके हैं।मौसम का मौजूदा मिजाज डेंगू की बीमारी फैलाने वाले एडीज मच्छर के लिए मुफीद है। विशेषज्ञ चिकित्सकों का भी मानना है कि तापमान का स्तर जब तक 25 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं आ जाता है, तब तक मच्छर की सक्रियता बनी रह सकती है। यानी डेंगू के लिहाज से फिलहाल चुनौतियां बरकरार हैं। विभागीय टीमें व वालेंटियर्स भी घर-घर पहुंचकर लोगों को डेंगू से बचाव के लिए जागरूक कर रहे हैं।

खास बात यह कि स्वच्छता के प्रति लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध भी कड़ा एक्शन लिया जा रहा है, लेकिन इन सबके बावजूद डेंगू का मच्छर अपना कहर बरपा ही रहा है। उत्तराखंड में डेंगू का डंक कहर बरपा रहा है। उत्तराखंड में अब तक 2049 डेंगू के मामले सामने आए हैं। सबसे ज्यादा मामले अब तक देहरादून में मिले हैं। हालांकि 22 सितंबर को पौड़ी गढ़वाल में सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज मिले। शुक्रवार को प्रदेशभर में 96 डेंगू के मरीज मिले हैं।

( लेखक वर्तमान में दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं )