उत्तराखंड में नौकरशाही ने बनाया हुआ है मंत्रियों को पंगु : धस्माना

उत्तराखंड में नौकरशाही ने बनाया हुआ है मंत्रियों को पंगु : धस्माना

  • कौन है प्रदेश का पंचायतीराज मंत्री कांग्रेस ने किया सवाल
  • पंचायती राज अधिनियम की नियमावली का अता पता प्रदेश में किसी को नहीं : सूर्यकांत धस्माना

देहरादून/लोक संस्कृति

उत्तराखंड में पंचायती राज मंत्री कौन है और पंचायती राज अधिनियम की नियमावली कहां और क्या है यह सवाल आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने राज्य की धामी सरकार से करते हुए प्रदेश सरकार पर जोरदार हमला बोला। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की नौकरशाही ने प्रदेश सरकार चला रहे राजनैतिक नेतृत्व को पंगु बना छोड़ा है जिसके कारण आए दिन सरकार की छीछालेदर होती है जिसे राज्य के पंचायती चुनावों को लेकर हो रही है ।

धस्माना ने कहा कि पहले तो सरकार ने पंचायत चुनाव समय पर ना करवा कर अपनी किरकिरी की फिर एक अजूबा किया कि जिला पंचायत अध्यक्षों ब्लॉक प्रमुखों व ग्राम प्रधानों को ही प्रशासक नियुक्त कर दिया और फिर दूसरी बार जब प्रशासकों का कार्यकाल खत्म हुआ तो पंचायतों को कई दिनों तक लावारिस छोड़ कर अधिकारियों को प्रशासक बनाया और अब जब माननीय उच्च न्यायालय की लताड़ के बाद चुनाव करने का निर्णय लिया तो आरक्षण का रोस्टर ही शून्य करवा दिया जिससे पूरे प्रदेश में असंतोष और आक्रोश फैल गया जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई।

धस्माना ने कहा कि सोमवार को जब उच्च न्यायालय ने सरकार से सवाल किया कि पंचायत चुनाव की नियमावली कहां है तो सरकार ने हास्यास्पद जवाब देते हुए कहा कि नियमावली नोटिफाई हो गई किन्तु प्रेस वालों ने छापी नहीं । धस्माना ने कहा कि सरकार के जवाब से असंतुष्ट न्यायालय ने चुनाव पर रोक लगा दी और गजब तो यह है कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी चुनाव कार्यक्रम के अनुसार कल से राज्य में त्रि स्तरीय पंचायत चुनावों के नामांकन शुरू होने हैं लेकिन कोर्ट के स्टे और चुनाव स्थगित होने के आदेश अभी तक जारी नहीं किए गए और राज्य में चुनाव आचार संहिता अभी भी लागू है। धस्माना ने कहा कि यह माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना तो है ही सरकार का दिमागी दिवालियापन भी है कि पूरे प्रदेश के लोगों को यह मालूम हो नहीं है कि राज्य में कल से नामांकन होंगे या नहीं।धस्माना ने कहा कि अगर राज्य में कोई चुनी हुई सरकार है और कोई पंचायत राज मंत्री है तो वो प्रदेश की जनता को बताए कि राज्य में पंचायत चुनावों की क्या स्थिति है।