लोकसभा चुनाव परिणाम 2024 (Lok Sabha Election Result 2024): जानिए किस दल को कितनी सीटें मिलीं
- भाजपा बनी सबसे बड़ी पार्टी और कांग्रेस रही दूसरे नंबर पर
- सपा ने भी लगाई छलांग
लोक संस्कृति
लोकसभा चुनाव के नतीजों की तस्वीर साफ हो गई है। किसी भी राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी है। भाजपा को 240 सीटें मिली हैं। अपने दम पर सरकार बनाने के लिए बीजेपी को 32 सीटें कम पड़ गई। कुल मिलाकर यह चुनाव परिणाम भाजपा के लिए बेहद निराशाजनक रहे।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भाजपा को पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के लिए रोक दिया। भाजपा के बाद कांग्रेस दूसरी बड़ी पार्टी बनी है कांग्रेस को 99 सीटों पर जीत हासिल हुई है।
इस बार लोकसभा चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए उम्मीदों पर खरे उतरे। कांग्रेस पार्टी के इस प्रदर्शन के बाद कार्यकर्ताओं और नेताओं में एक बार फिर से नई ऊर्जा आ गई है।
वहीं दूसरी ओर भाजपा को यह चुनाव नतीजे आश्चर्यचकित कर गए हैं। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सरकार बनाने के लिए अपने सहयोगी दल जेडीयू और टीडीपी पर निर्भर रहना होगा। वहीं दूसरी ओर इंडिया भी अपनी सरकार बनाने के लिए साथी गठबंधन दलों से बातचीत कर रहा है।
18वीं लोकसभा की 543 सीटों में से एनडीए को 292 और इंडिया को 233 सीटें मिली हैं। हालांकि, भाजपा 272 के बहुमत के आंकड़े को नहीं छू पाई, लेकिन एनडीए को बहुमत मिला।
एनडीए आज सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। उसने अपने घटक दलों की बैठक बुलाई है। पीएम मोदी ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को फोन कर बैठक के लिए बुलाया है।
आज सुबह 11.30 बजे मोदी कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। पीएम मोदी इस बैठक के बाद राष्ट्रपति भवन जाएंगे। इस्तीफा देकर नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
वहीं उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 37 सपा, 33 भाजपा, 6 कांग्रेस, 2 रालोद और 1 अपना दल को मिली। भाजपा फैजाबाद (अयोध्या) सीट 50 हजार से ज्यादा वोटों से हार गई है। 2019 चुनाव में यूपी में एनडीए ने 64 सीटें जीती थीं, जिसमें बीजेपी को 62 और अपना दल (एस) को 2 सीटें मिली थी। वहीं, सपा-बसपा ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। सपा को 5 और बसपा को 10 सीटें मिली थींं। जबकि कांग्रेस ने सिर्फ एक सीट (रायबरेली) जीती थी।
वहीं राजस्थान की कुल 25 सीटों में से भाजपा ने 14, कांग्रेस ने 8 और रालोपा ने एक सीट जीती है। 2019 में भाजपा ने 24 सीटें जीती थीं। 1 रालोपा के पास थी। राज्य में बीजेपी का वोट शेयर 60% से घटकर अब 49% पर आ गया है।
बता दें कि भाजपा ने पांच राज्यों में क्लीन स्वीप किया है। मध्य प्रदेश में भाजपा ने सभी 29 सीटें जीती हैं। 2019 में सिर्फ छिंदवाड़ा सीट कांग्रेस के खाते में गई थी, लेकिन इस बार भाजपा के बंटी साहू ने नकुलनाथ को हरा दिया।
एमपी के अलावा भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली, हिमाचल, उत्तराखंड, अरुणाचल की सभी सीटें जीती हैं। महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी टूटने से कांग्रेस को फायदा मिला। राज्य की 48 सीटों में 10 भाजपा, 13 कांग्रेस, 9 शिवसेना (उद्धव), 7 शिवसेना (शिंदे), 7 एनसीपी (शरद), 1 एनसीपी (अजित) जीती। 2019 में 23 सीटें भाजपा, 18 शिवसेना और 4 एनसीपी ने जीती थीं। महज 17% वोट लेकर कांग्रेस यहां सबसे ज्यादा सीटें जीत गई और सबसे बड़े वोट शेयर (26%) के बावजूद भाजपा 13 सीटें गंवाकर 10 पर आ गई है।
वहीं दक्षिण की 129 सीटों में भाजपा को 29, कांग्रेस को 40 सीटें मिली हैं। तमिलनाडु की 39 में से 22 द्रमुक ने, 9 कांग्रेस ने जीतीं है। कर्नाटक की 28 में से 17 भाजपा, 9 कांग्रेस, 2 जेडीएस को। आंध्र की 25 में 16 तेलगु देशम पार्टी, 4 वाईएसआर कांग्रेस, भाजपा को 3 मिलीं। केरल में कांग्रेस को 14, भाजपा को 1 सीट। वहीं तेलंगाना में भाजपा, कांग्रेस ने 8-8 सीटें जीतीं हैं। आंध्र में तेलगु देशम पार्टी से गठबंधन से भाजपा को फायदा हुआ। तमिलनाडु में बीजेपी का खाता नहीं खुला, पर वोट शेयर बढ़ा है। वहीं दूसरी ओर ओडिशा और आंध्र प्रदेश में भी हुए विधानसभा चुनाव में परिणाम चौंकाने वाले रहे। ओडिशा में 24 साल से काबिज नवीन पटनायक के हाथ से सत्ता खिसक गई है। भाजपा को 147 में से 78 तो बीजेडी को 51 सीटें मिलीं।
वहीं कांग्रेस 14 सीटों पर सिमट गई। ओडिशा में नवीन पटनायक मार्च 2000 से मुख्यमंत्री हैं। यहां भाजपा ने किसी सीएम फेस की बजाय मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा था। आंध्र प्रदेश में एनडीए (भाजपा, टीडीपी और जन सेना पार्टी) की सत्ता में वापसी हुई है। गठबंधन में शामिल तेलगु देशम पार्टी को 175 में से 135, जन सेना पार्टी को 21 और भाजपा को 8 सीटें मिलीं। मौजूदा सीएम जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस सिर्फ 11 सीटों पर सिमट गई। चंद्रबाबू नायडू चौथी बार राज्य के सीएम बनेंगे।