- देवभूमि के साथ उत्तराखंड को जाना जाएगा खेल भूमि के रूप में-रेखा आर्य
- खेल महाकुंभ है प्रतिभावान खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने का मंच-रेखा आर्य
- खेल मंत्री रेखा आर्या ने ली शिक्षा और खेल विभाग के अधिकारियों के साथ राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ की तैयारियों के संबंध में बैठक
*देहरादून*: खेल महाकुम्भ है प्रतिभावान खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने का मंच।इस खेल महाकुंभ से हम भविष्य के लिए खेल की नर्सरी तैयार करेंगे जो आगे चलकर देश के साथ प्रदेश का भी नाम रोशन करने का काम करेंगे।
हमारी कोशिस है कि हम अपने खिलाड़ियों को बेहतर अवसर प्रदान करने के साथ उन्हें 38वे राष्ट्रीय खेलो के लिए तैयार करें।यह बातें आज विधानसभा में प्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने कहीं।जहां वह आज राज्य स्तरीय खेल महाकुम्भ की तैयारियों के संबंध में शिक्षा व खेल विभाग के विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक ले रही थीं।
खेल मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ प्रदेश में होने जा रहे राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाने पर जोर दिया। यह आयोजन देहरादून स्थित महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में आयोजित किये जायेंगे।उन्होंने कहा कि न्याय पंचायत स्तर पर शुरू हुआ यह महाकुंभ ब्लॉक स्तर से होते हुए जिला स्तर और अब राज्य स्तर पर होने जा रहा है जिसकी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह बहुत खुशी कि बात है कि इस खेल महाकुंभ में लगभग चार लाख खिलाड़ियों के द्वारा प्रतिभाग किया गया है जो यह दिखाता है कि हमारे प्रदेश के खिलाड़ियों में खेल के प्रति जुनून किस हद तक है।
उन्होंने कहा कि आज हमारे बच्चे अपने खेल के हुनर से देश के साथ विदेशो में भी अपने राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं। कभी यह कहा जाता था कि आगे बढ़ने के लिए सिर्फ शिक्षा जरूरी है लेकिन अब यह धारणा बदल रही है आज हर माता -पिता अपने बच्चो को पढ़ाई के साथ साथ खेल के प्रति भी प्रेरित कर रहे हैं। आज बच्चो को खेल वह सबकुछ उपलब्ध करा रहा है जिसकी वह कामना करते है।
खेल मंत्री ने कहा कि राज्य स्तर पर होने जा रहे इस आयोजन में 13 जनपदों की 13 टीमें भाग लेंगी जिसमे 14 खेल होंगे। राज्य स्तर पर यह आयोजन जिले से जिले की टीमो के मध्य होंगे।इस दौरान मंत्री रेखा आर्या ने शिक्षा विभाग से बेहतर सहयोग की अपील की, साथ ही कहा कि खेल महाकुंभ में इस बार राज्य के पारंपरिक खेलो को भी शामिल किया गया है जिनमे मलखम्ब ,मुर्गा झपट,उड़डू सहित कई अन्य खेल शामिल हैं।
खेल मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार खेल और खिलाड़ियों के प्रति गंभीर है। हमने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए *मुख्यमंत्री खिलाड़ी उदीयमान उन्नयन योजना* शुरू की जिसके जरिये बच्चो को 1500 रुपये की छात्रवर्ती हर माह दी जा रही है ,साथ ही हमने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की प्रोत्साहन राशि मे काफी बढ़ोतरी की है।
इसके अलावा हम जल्द ही खिलाड़ियों के लिए *चार प्रतिशत का क्षेतिज आरक्षण* लाने जा रहे है जिससे हमारे खिलाड़ी भी सरकारी नौकरी का लाभ ले सकेंगे। कहा कि हमारी कोशिश है कि उत्तराखंड को जिस प्रकार से देवभूमि के नाम से जाना जाता है आने वाले समय मे हम इसे खेलों की भूमि के नाम से जाने,इसके लिए हमारी सरकार व हमारा विभाग गंभीर है और लगातार प्रयासरत है।
इस अवसर पर शिक्षा महानिदेशक श्री बंसीधर तिवारी जी,अपर सचिव व निदेशक खेल एवं युवा कल्याण श्री जितेंद्र सोनकर जी ,,संयुक्त निदेशक खेल श्री धर्मेंद्र भट्ट जी,संयुक्त निदेशक श्री अजय अग्रवाल जी, उपनिदेशक श्री शक्ति सिंह जी, सहित खेल विभाग और शिक्षा विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।