उपराष्ट्रपति चुनाव: नए उपराष्ट्रपति के चुनाव का दिन आज, राधाकृष्णन और सुदर्शन रेड्डी के बीच कड़ा मुकाबला, कुछ देर में शुरू होगी वोटिंग
लोक संस्कृति डेस्क
आज देश के 15वें उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए संसद भवन में मतदान जारी है। सुबह 10 बजे से शुरू हुई वोटिंग शाम 5 बजे तक चलेगी, जिसके बाद शाम 6 बजे से मतगणना शुरू होगी और परिणाम भी आज ही घोषित कर दिए जाएंगे।
एनडीए की ओर से सी. पी. राधाकृष्णन और विपक्षी गठबंधन इंडिया की ओर से बी. सुदर्शन रेड्डी आमने-सामने हैं। लोकसभा और राज्यसभा के 782 सांसद उपराष्ट्रपति पद के लिए लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वोट देते हैं।
एनडीए के पास संसद में बहुमत है, इसलिए राधाकृष्णन की जीत की संभावना अधिक मानी जा रही है। वहीं, विपक्ष ने मतदान से पहले मॉक पोल कर अपनी रणनीति को मजबूत करने की कोशिश की है। इस चुनाव को लेकर देशभर की निगाहें संसद पर टिकी हैं, क्योंकि यह परिणाम आने वाले सियासी समीकरणों की दिशा भी तय कर सकता है। इस बीच, केसीआर की पार्टी बीआरएस और ओडिशा के पूर्व सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी ने उपराष्ट्रपति चुनाव से किनारा कर लिया है। दोनों पार्टी किसी भी गठबंधन का समर्थन नहीं करेंगी।
राज्यसभा में बीआरएस के 4 और बीजेडी के 7 सांसद हैं।सांसदों के संसद भवन पहुंचने से पहले ही विभिन्न दलों की मीटिंग्स हुईं, जिनमें वोटिंग को लेकर व्हिप जारी किया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि हर वोट रणनीतिक रूप से पड़े। विपक्ष की ओर से एक दिन पहले मॉक पोल कराया गया, जो असल में यह परखने की कोशिश थी कि कौन-कौन सांसद आखिरी वक्त में समर्थन से हट सकता है। दूसरी तरफ एनडीए खेमे में पूरा भरोसा दिखा।
राधाकृष्णन की उम्मीदवारी को पहले ही “साधी हुई बाज़ी” माना जा रहा है क्योंकि एनडीए के पास लोकसभा और राज्यसभा में स्पष्ट बहुमत है। हालांकि, पार्टी हाईकमान ने इसे हल्के में नहीं लिया और तमाम सांसदों को व्यक्तिगत रूप से फोन कॉल और संदेश भेजे गए ताकि किसी भी तरह की क्रॉस वोटिंग की गुंजाइश न रहे। उपराष्ट्रपति पद के लिए लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वोट देते हैं। हालांकि, इसके लिए व्हिप नहीं जारी हो सकती। सभी सांसद पार्टी लाइन पर वोट करें तो एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन के 422 और विपक्ष के रेड्डी के 319 वोट माने जा रहे हैं। ऐसे में राधाकृष्णन की जीत तय है। हालांकि गुप्त मतदान में क्रॉस वोटिंग दोनों तरफ से समीकरण बिगाड़ सकती है।
बता दें कि अभी तक सबसे बड़ी जीत डॉ. केआर नारायणन की रही। उपराष्ट्रपति का अब तक 16 बार चुनाव हो चुका है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और हामिद अंसारी दो बार चुने गए। इस तरह 15वां उपराष्ट्रपति मिलेगा। इस पद के लिए 4 बार निर्विरोध चुनाव हुआ।
1952 और 1957 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, 1979 में मोहम्मद हिदायतुल्लाह और 1987 में शंकर दयाल शर्मा निर्विरोध चुने गए। 1992 में डॉ. केआर नारायणन को 700 और काका जोगिंदर सिंह को सिर्फ एक वोट मिला था। केवल दो महिला प्रत्याशी- नजमा हेपतुल्ला और मार्गेट अल्वा रहीं। पर दोनों हार गईं। उल्लेखनीय है कि 2002 में भैरों सिंह शेखावत (एनडीए) ने सुशील शिंदे (कांग्रेस) को 149 वोट से हराया। 2007 में हामिद अंसारी (यूपीए) ने नजमा हेपतुल्ला (एनडीए) को 233 वोट से हराया। 2012 में जसवंत सिंह से अंसारी 252 वोट से जीते। 2017 में एनडीए के वेंकैया नायडू ने विपक्ष के गोपालकृष्ण गांधी को 272 वोट से मात दी।
2022 में धनखड़ ने अल्वा को 346 वोट से हराया था।
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