उत्तराखंड में डेंगू संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इसके लिए सभी जिलों को रोकथाम व बचाव के लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किए गए।
स्वास्थ्य विभाग ने जुलाई से नवंबर तक डेंगू संक्रमण का प्रभाव बढ़ने की संभावनाएं जताई गई है। इसलिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं, कि किसी भी क्षेत्र में डेंगू मरीज मिलने पर आसपास के 50 घरों तक सर्विलांस कर फॉगिंग व अन्य कार्रवाई की जाए। वहीं हल्द्वानी में डेंगू का पहला मामला सामने आया है।
एनएचएम मिशन निदेशक डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर डेंगू रोकथाम व बचाव के लिए विशेष निगरानी रखने को कहा है। साथ ही जिला स्तर पर डेंगू की जांच के लिए एलाइजा मशीन और किट उपलब्ध होनी चाहिए।
अस्पतालों में डेंगू मरीजों के उपचार के लिए अलग से आइसोलेशन वार्ड बना कर एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। डेंगू मरीजों की पहचान के लिए शुरुआती चरण में फीवर सर्वे कराया जाए। लक्षणों के आधार पर मरीज की डेंगू जांच करायी जाए।
मिशन निदेशक ने कहा कि डेंगू एक मच्छर जनित रोग है। जिससे घरों और सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए। जिससे डेंगू का लार्वा न पनप सके।
डेंगू मरीजों के लिए ब्लड बैंकों में प्लेटलेट की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में निकायों व पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए।