ग्राफिक एरा में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

ग्राफिक एरा में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

नये आविष्कार दे रही रसायन व भौतिकी की साझेदारी

देहरादून/लोक संस्कृति

विशेषज्ञों ने कहा कि रसायन व भौतिकी विज्ञान की साझेदारी से बने उत्पाद अत्याधुनिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं। इन उत्पादों से तकनीक के साथ ही दैनिक जीवन में भी सुधार हो रहा है।

विशेषज्ञों ने यह बात आज ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में कही। पदार्थों के रसायन व भौतिकी विज्ञान विषय पर आयोजित यह सम्मेलन तीन दिन चलेगा। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को निट्टे मीनाक्षी इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाॅजी, बंगलुरू के प्रोफेसर डा. संदीप कुमार ने सम्बोधित करते हुए कहा कि डिस्कोटिक लिक्विड क्रिस्टल, ठोस व तरल अवस्था के बीच एक मध्य अवस्था में होते हैं। इन्हें पदार्थों की चैथी अवस्था भी कहा जाता है। इनका उपयोग नई तकनीकों जैसे की आर्गेनिक इलैक्ट्रानिक्स (ओएलईडी), एलसीडी, सोलर सेल, सुपर कन्डक्टर मैटिरियल, सेंसर व डिसप्ले टेक्नोलाॅजी में किया जाता है। उन्होंने कहा कि डिस्कोटिक लिक्विड क्रिस्टल की प्रभावशीलता व कार्यशीलता उनकी शुद्धता पर निर्भर करती है। उच्च गुणवत्ता के लिये 99.99 प्रतिशत की शुद्धता होना आवश्यक है।

सम्मेलन में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. नरपिन्दर सिंह ने कहा कि भौतिकी व रसायन विज्ञान के वैज्ञानिक साथ मिलकर क्रांतिकारी आविष्कारों पर शोध कर रहे हैं। इन आविष्कारों में वातावरण के अनुसार गुण बदलने वाले स्मार्ट मैटिरियल, खुद साफ होने वाले कपड़े, बैम्बू से बने कपड़े, बेहतर बैटरी, कार्बन नैनो ट्यूब व अन्य तकनीकें शामिल हैं।

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर मुम्बई के प्रो. विरेन्द्र कुमार, जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी नई दिल्ली के डा. पंकज ठाकुर, आईआईटी इन्दौर के डा. रूपेश देवन, काउंसिल फाॅर साइंटिफिक एण्ड इन्डस्ट्रियल रिसर्च-नेशनल फिजिकल लैबोरेट्री नई दिल्ली की डा. साक्षी ने रसायन व भौतिकी के विभिन्न विषयों पर जानकारी साझा की। सम्मेलन के पहले दिन आज 13 शोध पत्र पढ़े गये।

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन डिपार्टमेण्ट आफ फिजिक्स ने समृद्धि विज्ञान शोध समिति, इन्दौर के सहयोग से किया। सम्मेलन में एचओडी व संयोजक डा. फतेह सिंह गिल, भारतीय सैन्य अकादमी के डा. के. के. चैधरी व संयोजक डा. सुशील कालिया, आयोजन सचिव डा. संजीव किमोठी, डा. दीपक व गवर्नमेण्ट होलकर साइंस कालेज, इन्दौर के डा. नेत्रम कौरव के साथ शिक्षक-शिक्षिकाएं, पीएचडी स्काॅलर व छात्र-छात्राएं आॅफलाईन व आॅनलाइन मोड में मौजूद रहे। संचालन डा. किरण शर्मा ने किया।