अखबारों पर कोविड के प्रभावों पर शोध के लिए शिखा त्यागी को पीएचडी
देहरादून/लोक संस्कृति
ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी ने समाचार पत्रों की अर्थव्यवस्था पर कोविड के प्रभावों पर शोध के लिए शिखा त्यागी को पीएचडी की उपाधि प्रदान की है।
मीडिया एंड मास कम्प्युनिकेशन डिपार्टमेंट की रिसर्च स्कॉलर शिखा त्यागी ने प्रोफेसर डॉ सुभाष गुप्ता के निर्देशन में यह शोध किया है। इस शोध में शिखा त्यागी ने पाया है कि कोविड के दौरान समाचार पत्रों के पाठकों की संख्या घटकर आधी से भी कम रह गई थी। कोविड के कारण समाचार पत्रों में खबरों की संख्या और खबरों की विविधता कम हो गई थी। अखबारों की साजसज्जा पर भी कोविड का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा और इस दौरान विज्ञापन और प्रसार घटने के कारण अधिकांश अखवारों की आर्थिक स्थित डांवाडोल हो गई थी। कई अखवारों ने इस दौरान अपने विभिन्न संस्करण व मैगजीन बंद कर दी थी और स्टाफ की छंटनी करने से लेकर वेतन में कटौती तक की गई। शिखा ने इसके विस्तृत आंकड़े भी दिए हैं।
छत्तीसगढ़ के केंद्रीय विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ धीरज शुक्ला की विशेषज्ञ के रूप में मौजूदगी में फाइनल डिफेंस में सफल होने पर शिखा को कुलसचिव डॉ अरविंद धर ने पीएचडी की उपाधि प्रदान की।
इस अवसर पर डीन पीएचडी डॉ कपित घई, डीआरसी चेयरमैन प्रोफेसर सुभाष गुप्ता, मैनेजमेंट के एचओडी डॉ विशाल सागर, स्कूल ऑफ डिजायनिंग की प्रोफेसर डॉ ज्योति छाबड़ा, एचओडी मीडिया डॉ ताहा सिद्दीकी, रिसर्च कॉर्डिनेटर डॉ हिमानी बिंजोला, शिक्षक आकृति ढौंढियाल, विपुल तिवारी और नोएडा की डॉ विदुषि नेगी भी मौजूद रहे।
डॉ शिखा ने पीएचडी उपाधि प्राप्त करने के बाद ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला से मुलाकात करके ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी की शोध संबंधी व्यवस्थाओं और सुविधाओं के लिए आभार व्यक्त किया। शिखा त्यागी एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन में डीन के पद पर कार्यरत हैं।
वरिष्ठ पत्रकार व पत्रकारिता के प्रोफेसर डॉ सुभाष गुप्ता के निर्देशन में दो वर्ष के भीतर शिखा त्यागी पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वाली पांचवी स्कॉलर हैं।