सर्वर डाउन : 20 दिन बाद फिर देश भर में यूपीआई सर्विस ठप, गूगल पे, फोनपे और पेटीएम डाउन होने से लोगों को पेमेंट करने में आ रही परेशानी
लोक संस्कृति
20 दिन बाद एक बार फिर देश भर में आज यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) सर्विस करीब डेढ़ घंटे से डाउन है। अभी लोगों को यूपीआई पेमेंट करने में दिक्कत आ रही है। यूपीआई के प्रभावित होने से बहुत से यूजर पेमेंट नहीं कर पाए, जिससे आम आदमी, कारोबारियों के रोजमर्रा के काम पर असर पड़ा।
डाउनडिटेक्टर के अनुसार, करीब 72% लोगों को पेमेंट करने में समस्या आ रही है। 27% लोगों को फंड ट्रांसफर करने और लगभग 1% को खरीदारी करने में दिक्कतें हो रही है। इससे पहले दो अप्रैल और 26 मार्च को देशभर में यह सर्विस करीब ढाई घंटे डाउन रही थी। तब लोगों को गूगल पे, फोनपे और पेटीएम जैसे एप से अमाउंट ट्रांसफर करने में दिक्कतें हुईं।
इसके अलावा, 10 से ज्यादा बैंकों के यूपीआई और नेट बैंकिंग सर्विसेस पर भी असर पड़ा। यूजर्स एप और नेट बैंकिंग में लॉगिन एक्सेस भी नहीं कर पा रहे थे। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने कहा था, ‘यूजर्स को अस्थायी तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा है, जिसके कारण यूपीआई में आंशिक रूप से रुकावट आई। अब इन समस्याओं को दूर कर लिया गया है। सिस्टम स्टेबल हो गया है।
पेमेंट एप के अलावा SBI, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और आईसीसीआई बैंक समेत 10 से ज्यादा बैंकों की सर्विसेस प्रभावित हुईं। फोन पे की सर्विसेस करीब 2 घंटे बाद चालू हो गई। हालांकि कुछ यूजर्स को बाद में भी दिक्कतें आ रही थीं। इस रुकावट के बाद यह पता चला कि देश रोजमर्रा के पेमेंट के लिए यूपीआई पर काफी निर्भर है। इससे यह साफ होता है कि एक खराबी देश में डिजिटल पेमेंट के कामकाज को कैसे प्रभावित कर सकती है।
यूपीआई में आई प्रॉब्लम का कारण अभी तक पता नहीं चल सका है। इस रुकावट ने कई वित्तीय संस्थानों को प्रभावित किया है।
8 अप्रैल को एनपीसीआई की तरफ से जारी जानकारी में कहा गया था कि यूपीआई का यूज करके किये गए इंटरनेशनल पेमेंट के लिए वे सुविधा जिससे यूजर क्यूआर कोड का यूज करके शेयर और पेमेंट कर सकते हैं, अब अनुमति नहीं दी जाएगी। यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि यह तय हो सके कि पेमेंट करने के लिए यूज किया गया ऐप भुगतान करने वाले की सही पहचान कर सके। हालांकि, देश के अंदर पेमेंट के लिए क्यूआर कोड का यूज करने वाले लेनदेन सहित अन्य प्रकार के यूपीआई पेमेंट की लिमिट में कोई बदलाव नहीं होगा।