रथ यात्रा : पुरी में धूमधाम के साथ शुरू हुई भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा, देश विदेश से पहुंचे लाखों श्रद्धालु
लोक संस्कृति डेस्क
आज से देश भर में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की शुरुआत हुई । उड़ीसा, गुजरात, राजस्थान और पश्चिम बंगाल समेत कई प्रदेशों में रथ यात्रा शुरू हुई। सबसे ज्यादा आकर्षक भगवान जगन्नाथ की जन्मस्थली उड़ीसा में है। इस धार्मिक उत्सव को देखने के लिए देश-विदेश के लाखों लोग पहुंचे हैं। उड़ीसा का यह सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव है। पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू हो गई है। सबसे पहले भगवान बलभद्र का रथ भक्तों ने खींचा। फिर बलभद्र के बाद देवी सुभद्रा और फिर भगवान जगन्नाथ का रथ खींचा गया । इस दिन भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अलग अलग रथों पर सवार होते हैं। मंगल आरती और विधि विधान पूजा के बाद भगवान जगन्नाथ को नंदी घोष रथ, देवी सुभद्रा को दर्पदलन और बलभद्र को तालध्वज रथ पर विराजित किया गया है। वे तीनों रथों पर सवार होकर मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाएंगे।
भगवान जगन्नाथ रथ नंदीघोष पर, भाई बलभद्र रथ तालध्वज पर और सुभद्रा रथ दर्पदलन पर सवार हैं। हर साल की तरह इस साल भी पुरी राजवंश के गजपति महाराज दिव्यसिंह देव सोने की झाड़ू से सफाई कर छेरा पहरा की रस्म को पूरा किया। यह विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा आज 27 जून से 8 जुलाई तक चलेगी। पुरी की रथ यात्रा में लाखों लोगों के भाग ले रहे हैं । रथ यात्रा के लिए 10,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स में ओडिशा पुलिस ने बताया कि लगभग 15 लाख भक्तों की भीड़ को संभालने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।उधर, अहमदाबाद समेत देश के कई शहरों में रथ यात्राएं निकाली गई हैं। अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गई। गृह मंत्री अमित शाह ने सुबह 4 बजे मंगल आरती की। इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पाहिंद विधि कर रथ यात्रा की शुरुआत की। रात तकरीबन 8:30 बजे भगवान वापस मंदिर लौटेंगे।अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में शुक्रवार सुबह 10 बजे एक हाथी बेकाबू हो गया और 100 मीटर तक भागा। इसके बाद रथ यात्रा में भगदड़ सी मच गई। लोग इधर-उधर भागते दिखे। बेकाबू हुआ हाथी 17 हाथियों के ग्रुप में सबसे आगे चल रहा था।
जानकारी के मुताबिक, हाथी डीजे और सीटी की आवाज से बेकाबू हुआ था। हाथी को वन विभाग के अमले ने दो मादा हाथियों की मदद से काबू में किया। इसके बाद उसे और दोनों मादा हाथियों को जुलूस से हटा दिया गया। बाकी यात्रा में 14 हाथी शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू होने पर बधाई दी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए उन्होंने देशवासियों के उत्तम स्वास्थ्य और समृद्धि की मंगलकामना की। पीएम मोदी ने कहा, भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पवित्र अवसर पर सभी देशवासियों को मेरी ढेरों शुभकामनाएं। श्रद्धा और भक्ति का यह पावन उत्सव हर किसी के जीवन में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए, यही कामना है।
जय जगन्नाथ!हिंदू धर्म के मुताबिक जगन्नाथ रथ यात्रा के पीछे यह मान्यता है कि भगवान अपने गर्भ ग्रह से निकलकर प्रजा का हाल जानने निकलते हैं। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि रथयात्रा एक ऐसा पर्व है जिसमें भगवान जगन्नाथ चलकर अपने भक्तों के बीच आते हैं और उनके दु:ख-सु:ख में सहभागी होते हैं। इस रथयात्रा में शामिल होता है उन्हें 100 यज्ञ करने का फल प्राप्त होता है। भगवान जगन्नाथ श्री हरि विष्णु के अवतार श्री कृष्ण का ही रूप माने जाते हैं। हिंदू धर्म में जगन्नाथ रथ यात्रा का विशेष महत्व है। ऐसी भी मान्यता है कि इस यात्रा में शामिल होने वालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।