चारधाम यात्रा (Chartham yatra) के लिए आज से शुरू हुए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

चारधाम यात्रा (Chartham yatra) के लिए आज से शुरू हुए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

देहरादून/लोक संस्कृति

उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच धामी सरकार ने चार धाम यात्रा की तैयारी भी शुरू कर दी है। उत्तराखंड में पहले चरण की पांचों सीटों पर 19 अप्रैल को चुनाव होने हैं। इसी को लेकर धामी सरकार और पूरा प्रशासनिक अमला व्यस्त है। लोकसभा चुनाव के संपन्न होते ही उत्तराखंड सरकार चार धाम यात्रा की तैयारियों में जुटेगी।

सोमवार 15 अप्रैल से उत्तराखंड सरकार ने इस साल चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बार भी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होते ही करीब चार हजार श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कर लिए हैं।

उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि 19 अप्रैल के बाद पूरा सरकारी अमला यात्रा की तैयारियों में जुट जाएगा।

10 मई को गंगोत्री-यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा 2024 की विधिवत शुरुआत हो जाएगी। आखिर में 12 मई को बदरीनाथ के कपाट खुलेंगे। 15 अप्रैल सुबह सात बजे से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए बेवसाबइट खोल दी गई है।

रजिस्ट्रेशन के अलावा चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु मोबाइल एप, व्हाट्सएप नंबर और टोल फ्री नंबर से भी पंजीकरण कर सकते हैं। बता दें कि केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण अनिवार्य हैं।

चारधाम यात्रा 2024 के लिए श्रद्धालु पर्यटन विभाग की वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर जाकर अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके अलावा व्हाट्सएप नंबर-8394833833 पर yatra (यात्रा) लिख कर मैसेज करके भी पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। यही नहीं जो यात्री वेबसाइट पर पंजीकरण नहीं कर पाते हैं, उनके लिए पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर- 0135-1364 दिया है। वह इस नंबर पर कॉल करके फोन पर भी पंजीकरण करवा सकते हैं।

स्मार्ट फोन पर आप touristcarerttarakhand मोबाइल एप से पंजीकरण कर सकते हैं। चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराना साल 2023 से जरूरी हाे गया है। बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी श्रद्धालु चारधाम की यात्रा नहीं कर पाएगा। पिछले साल करीब 74 लाख तीर्थयात्रियों ने चारधाम यात्रा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया था जबकि 56 लाख श्रद्धालुओं ने ही दर्शन किए थे।