सरकार की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने के लिए आधुनिक तकनीक का पूर्ण उपयोग किया जाए -सीएम धामी

सरकार की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने के लिए आधुनिक तकनीक का पूर्ण उपयोग किया जाए -सीएम धामी

  • पत्रकारों  कल्याण कोष के लिए कॉरपस फंड की धनराशि 05 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ की जायेगी-सीएम
  • सूचना तंत्र को मजबूत बनाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जनपदों का नोडल बनाया जाए।
  • सचिव सूचना विभागीय कार्यों में तेजी लाने के लिए प्रत्येक 15 दिन में समीक्षा करेंगे।
  • रिंग रोड स्थित सूचना निदेशालय में 05 घण्टे तक चली बैठक में मुख्यमंत्री ने दिये अधिकारियों को आवश्यक निर्देश।  

देहरादून / लोकसंस्कृति

सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक प्रभावी माध्यम से पंहुचाने के लिए सूचना तंत्र को मजबूत किया जाए। आधुनिक तकनीक के प्रयोग के साथ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के साथ ही सोशल मीडिया और यूट्यूब माध्यमों का भी अधिकाधिक प्रयोग सुनिश्चित किया जाए। कार्यों में तेजी लाने के लिए सूचना विभाग द्वारा ई-फाइलिंग प्रणाली का पूर्ण उपयोग किया जाए। जनपदों में सूचना तंत्र को मजबूत किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सूचना तंत्र राज्य के पर्वतीय जनपदों में भी मजबूत हो। इसके लिए विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को जनपदों का नोडल अधिकारी बनाया जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिंग रोड स्थित सूचना भवन में सूचना विभाग की लगभग 05 घण्टे की समीक्षा के दौरान दिये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सूचना विभाग के विभिन्न प्रभागों का निरीक्षण भी किया।

 

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि पत्रकार कल्याण कोष के लिए कॉरपस फंड की धनराशि 05 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ की जायेगी। पत्रकारों के लिए ग्रुप इंश्योरेंस लागू करने के सबंध में उन्होंने विभाग को परीक्षण करने के निर्देश दिये हैं। तहसील स्तर तक पत्रकारों को मान्यता प्रदान करने के लिए भी व्यवस्था बनाई जाए। उन्होंने कहा कि सरकार और जनता के बीच समन्वय बनाने के लिए सरकार के चेहरे के रूप में सूचना विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जाए कि मीडिया और विभिन्न प्रचार माध्यमों से जनता को सरल भाषा में सरकार के कार्यों और योजनाओं की जानकारी दी जाए।

जनहित में सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं और कार्यों की सक्सेस स्टोरी नियमित प्रकाशित की जाए। मुख्यमंत्री ने सचिव सूचना को निर्देश दिये कि विभाग के कार्यों में और तेजी लाने और विभिन्न व्यवस्थाओं में सुधार के लिए प्रत्येक 15 दिनों में विभाग की समीक्षा की जाए। सूचना विभाग द्वारा विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए सरकार के महत्वपूर्ण कार्यों को मीडिया के माध्यम से जन सामान्य तक पहुंचाया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि विकास पुस्तिका डिजिटल रूप में भी प्रस्तुत की जाए। फिल्म निर्माताओं को राज्य में फिल्म निर्माण के लिए निरंतर प्रोत्साहित किया जाए और उन्हें हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका में भी वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद में हो रहे विभिन्न घटनाक्रमों की भी नियमित मॉनिटरिंग की जाए। जिला सूचना अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाए कि जनपदों में मीडिया के साथ बेहतर समन्वय के साथ कार्य करें। जिलाधिकारी और अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों से निरंतर समन्वय बनाते हुए सरकारी योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाए। उन्होंने निर्देश दिये कि जनपद स्तर पर सूचना तंत्र को और मजबूत बनाने के लिए मानव संसाधन के साथ आधुनिक तकनीक पर विशेष बल दिया जाए।

सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने मुख्यमंत्री को विभागीय क्रियाकलापों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में प्रिंट मीडिया में 1572 सूचना पत्र/पत्रिकाएं सूचीबद्ध हैं, जबकि 41 इलेक्ट्रॉनिक चैनल सूचीबद्ध हैं। सोशल मीडिया में 615 वेब पोर्टल व 13 कम्युनिटी रेडियो सूचीबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि विभाग में कार्मिकों के काफी पद रिक्त चल रहे हैं। सूचना अधिकारी और अन्य पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है।

बैठक में विधायक उमेश शर्मा काऊ, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव  आर. के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव सूचना शैलेश बगोली, अपर निदेशक सूचना आशिष त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक  के.एस. चौहान, डॉ. नितिन उपाध्याय, वरिष्ठ वित्त अधिकारी शशि सिंह, उप निदेशक मनोज श्रीवास्तव और रवि बिजारनियां उपस्थित थे।