Holi 2025 : जानिए होली का शुभ मुहूर्त, 14 मार्च को देशभर में धूमधाम से खेली जाएगी होली

Holi 2025 : जानिए होली का शुभ मुहूर्त, 14 मार्च को देशभर में धूमधाम से खेली जाएगी होली

लोक संस्कृति

इस साल यानी साल 2025 की होली आ गई। आज होलिका दहन है और कल पूरे देश भर में धूमधाम के साथ होली खेली जाएगी। घरों और बाजारों में होली जैसा माहौल हो गया है। अपने गांव और शहरों से दूर रहने वाले लोग भी घरों पर लौट आए हैं। हालांकि पहले जैसे होली की बात अब नहीं रही है। सड़कों, बाजारों और मोहल्लों की बजाय होली का त्योहार अब सोशल मीडिया पर ज्यादा ही नजर आता है।

देशभर में व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम आदि पर होली के मैसेज शुरू हो चुके हैं। होली का रंग फीका करने में सोशल मीडिया की भी बड़ी भूमिका है। कोई भी त्योहार या कोई कार्यक्रम हो सभी लोग सोशल मीडिया पर ही ज्यादा फोकस कर रहे हैं।

खैर ! यह सब बातें लगी रहेंगी जैसे-जैसे समय आगे बढ़ेगा और भी बदलाव देखने को मिलेंगे। अब आइए होली पर चर्चा की जाए। ‌‌आज पूरे देश भर में होलिका दहन है और कल धूमधाम के साथ होली खेली जाएगी। इस दिन लोग एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर, गले मिलकर होली खेलते हैं और पुराने गिले-शिकवे दूर करते हैं।

रंगों का त्योहार होली हिंदू धर्म का प्रमुख और लोकप्रिय त्योहार में से एक है, जो हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। वहीं, होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।

ग्रंथों के अनुसार सतयुग के बाद त्रेतायुग में श्रीराम ने होली खेली, द्वापर में श्रीकृष्ण ने राधा और गोपियों के साथ होली खेली थी। भारत में प्राचीन समय से ही होली खेलने की परंपरा चली आ रही है। इस दिन किसी से झगड़ा या कटु वचन बोलने से बचें, क्योंकि यह आपके आत्मिक शांति को प्रभावित कर सकता है।

इस दिन किसी को अपमानित करने से पाप लगता है, और इससे आपके जीवन में नकारात्मकता आ सकती है। इस दिन शराब, मांसाहार और किसी भी प्रकार के नशे से संबंधित चीजों का सेवन वर्जित होता है। यह मानसिक और शारीरिक शुद्धता के लिए आवश्यक है। घर और शरीर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें, गंदे कपड़े पहनने से नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित हो सकती है और यह आपके मनोबल को प्रभावित कर सकता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा की रात बाल धोना या कटवाना अशुभ माना जाता है, इसलिए इसे न करें। होलिका दहन के समय घर के अंदर न रहें, बल्कि बाहर जाकर अग्नि की परिक्रमा करें और उसमें तिल-गुड़ अर्पित करें, जिससे शुभ फल प्राप्त होते हैं।

इस दिन भोजन और पानी को व्यर्थ न गवाएं, क्योंकि इसे देवी-देवताओं का अपमान माना जाता है, और यह आपके जीवन में कष्ट ला सकता है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन किसी की बुराई या निंदा करने से बचें, क्योंकि इससे दुर्भाग्य आ सकता है और आपके जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

इस बार भद्राकाल का प्रभाव, रात 11:26 बजे से 12:30 बजे तक का होलिका दहन का समय सबसे उत्तम

ज्योतिष के अनुसार, इस बार होलिका दहन के दिन भद्रा काल का प्रभाव रहेगा। हिंदू धर्म में इस समय को अशुभ माना जाता है और उस समय कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 13 मार्च 2025 को सुबह 10:35 बजे शुरू होगी और 14 मार्च को दोपहर 12:23 बजे समाप्त होगी। ऐसे में इस वर्ष होलिका दहन 13 मार्च दिन गुरुवार को किया जाएगा।

खास बात यह है कि इसी दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी रहेगा, जिससे यह दिन और भी विशेष बन जाता है।पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 13 मार्च को भद्रा पूंछ शाम 6:57 बजे से रात 8:14 बजे तक रहेगी। इसके बाद भद्रा मुख का समय रात 10:22 बजे तक रहेगा।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा मुख में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है, इसलिए रात 10:22 बजे के बाद ही होलिका दहन करना शुभ रहेगा।

पंचांग के अनुसार, होलिका दहन के लिए 13 मार्च की रात 11:26 बजे से 12:30 बजे तक का समय सबसे उत्तम रहेगा। इस दौरान होलिका जलाने से शुभ फल प्राप्त होंगे और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।

दरअसल 14 मार्च को भी पूर्णिमा तिथि रहेगी। इस बार सूर्य का राशि परिवर्तन और चंद्र ग्रहण दोनों एक दिन पड़ रहे हैं।

बता दें कि सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं। इस बार सूर्य का राशि परिवर्तन 14 मार्च को होगा और इसी समय चंद्र ग्रहण लग रहा है। सूर्य इस बार गुरु की राशि मीन में जा रहे हैं। इस राशि में मार्च में शनि भी आ जाएंगे।

आपको बता दें कि यह चंद्रग्रहण खग्रास चंद्र ग्रहण होगा। इस ग्रहण के सूतक काल पर विचार किया जाना बहुत जरूरी है। चंद्र ग्रहणके दौरान चंद्रमा कन्या राशि में रहेंगे। इस तरह एक ही तारीख में दो बड़े ग्रहों से जुड़ी घटनाएं हो रही हैं।

बता दें कि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस ग्रहण का सूतक नहीं लगेगा। जो ग्रहण जिस देश में नहीं दिखता तो उसका प्रभाव वहां नहीं माना जाता। इस प्रकार होली पर पड़ने वाले चंद्र ग्रहण का कोई असर भारत में धार्मिक तौर पर नहीं होगा। हालांकि विभिन्न राशियों पर इसका असर हो सकता है।