जीएसटी में बदलाव : केंद्र सरकार का जीएसटी में सुधार, “साबुन-शैंपू, दूध-रोटी होंगे सस्ते, कार-एसी में भी राहत, नवरात्रि से शुरू होंगी नई दरें
लोक संस्कृति डेस्क
केंद्र सरकार ने जीएसटी में बड़ा सुधार किया है। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में इस पर फैसला लिया गया। अब देश में केवल दो स्लैब रहेंगे। 5% और 18%। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर को जानकारी दी कि नए स्लैब 22 सितंबर, नवरात्रि के पहले दिन से लागू हो जाएंगे। इस फैसले से रोजमर्रा की जरूरत की चीजें सस्ती हो जाएंगी। साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट जैसे घरेलू सामान और दूध, रोटी, पराठा, छेना जैसे खाद्य पदार्थों पर टैक्स नहीं लगेगा। 33 जीवन रक्षक दवाएं, दुर्लभ और गंभीर बीमारियों की दवाएं भी टैक्स फ्री होंगी।
सीतारमण ने बताया कि इंडिविजुअल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस को भी जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है। इसका उद्देश्य आम आदमी का बोझ कम करना और स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना है।
उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में भी राहत मिलेगी। एयर कंडीशनर और कारों जैसे सामान पर जीएसटी घटने से वे भी किफायती हो जाएंगे। इसके उलट, लग्जरी सामान और तंबाकू उत्पादों पर टैक्स दर बढ़ा दी गई है। अब इन पर 28% की बजाय 40% जीएसटी लगेगा। मध्यम और बड़ी कारें तथा 350 सीसी से ऊपर की मोटरसाइकिलें भी इस स्लैब में शामिल होंगी। हालांकि, तंबाकू पर नई दर अभी तुरंत लागू नहीं होगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि इन सुधारों का मकसद आम जनता को राहत देना, छोटे व्यवसायों को सहारा देना और तंबाकू जैसे हानिकारक उत्पादों के इस्तेमाल को हतोत्साहित करना है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से दिए अपने संबोधन में वादा किया था कि सरकार आम आदमी की जेब हल्की करने और जरूरी चीजों को सस्ता करने के ठोस कदम उठाएगी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक का यह फैसला उसी दिशा में एक बड़ा कदम है। इन बदलावों का मकसद आम आदमी को राहत देना, छोटे व्यवसायों को सपोर्ट करना और हानिकारक उत्पादों जैसे तंबाकू पर टैक्स बढ़ाकर उनके उपयोग को कम करना है।
जीएसटी में सुधार का फैसला देश की अर्थव्यवस्था और बाजार पर दिखाई देने लगा
जीएसटी में सुधार के फैसले का असर देश की अर्थव्यवस्था और बाजार पर तुरंत दिखाई देने लगा है।
56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में दरें घटाने के बाद ऑटो, एफएमसीजी और फार्मा सेक्टर के शेयरों में तेजी देखी गई। विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारी सीजन से पहले रोजमर्रा की चीजें, इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहन सस्ते होने से खपत बढ़ेगी और जीडीपी को सीधा फायदा मिलेगा। छोटे कारोबारियों के लिए भी यह फैसला राहत लेकर आया है। जिनका सालाना कारोबार 40 लाख रुपये तक है, उन्हें अब रिटर्न दाखिल करने से छूट रहेगी, जबकि 1.5 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले व्यापारी तिमाही आधार पर रिटर्न भर सकेंगे।
सरकार का दावा है कि इससे छोटे दुकानदारों और व्यापारियों का बोझ घटेगा और कारोबार आसान होगा। हालांकि, राज्यों ने आशंका जताई है कि स्लैब घटने से उनकी जीएसटी आमदनी कम हो सकती है। इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भरोसा दिलाया कि केंद्र राज्यों को समय पर मुआवजा देती रहेगी और इसके लिए विशेष कोष भी बनाया जा रहा है।
वहीं, तंबाकू और लग्जरी सामानों पर टैक्स बढ़ाने के फैसले को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे सराहा है। उनका मानना है कि इससे न सिर्फ राजस्व बढ़ेगा बल्कि स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर होगा, क्योंकि ज्यादा टैक्स से तंबाकू उत्पादों की खपत घट सकती है।