चैत्र नवरात्रि : इस बार आठ दिनों की होगी नवरात्रि, हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, हिंदू नववर्ष भी कल से होगा शुरू
लोक संस्कृति
कल यानी रविवार से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही हैं।
वहीं हिंदू नववर्ष 30 मार्च से शुरू हो रहा है । पंचांग के अनुसार यह नववर्ष ‘2082 नवसंवत्सर कहलाएगा। नए वर्ष के राजा और मंत्री दोनों ही सूर्यदेव रहेंगे। हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है।
30 मार्च से चैत्र नवरात्रि प्रारंभ होकर 6 अप्रैल को इसका आखिरी दिन रहेगा। इस बार एक तिथि घटने से 8 दिन का त्योहार रहेगा। 30 तारीख को घटस्थापना के लिए दो ही मुहूर्त रहेंगे।
रविवार को घट स्थापना मुहूर्त प्रात: 05:59 से प्रात: 10:07 और अभिजित मुहूर्त दिन में 11:46 से 12:36 बजे तक श्रेष्ठ है। 30 मार्च को चैत्र नवरात्र का आरंभ सर्वार्थ सिद्धि योग में हो रहा है। यह योग शाम 4:35 बजे से अगले दिन सुबह 6:12 बजे तक प्रभावी रहेगा।
इस दिन इंद्र योग और रेवती नक्षत्र रहेगा। इस बार नवरात्रि में सर्वार्थ सिद्ध, ऐंद्र, बुद्ध आदित्य, शुक्र आदित्य, लक्ष्मी नारायण योग बनने से नवरात्रि विशेष फलदायक होगी। नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण उत्सव है, जिसे शक्ति की पूजा और आध्यात्मिक साधना के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है।
वहीं चैत्र नवरात्रि में मां भगवती हाथी पर सवार होकर आएंगी और प्रस्थान भी हाथी पर बैठकर ही करेंगी। कहते हैं कि जब मां दुर्गा की सवारी हाथी होती है, तो यह एक बेहद ही शुभ संकेत माना जाता है।
इस दौरान मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। ये नवरात्रि गुड़ी पड़वा से शुरू होती है और रामनवमी पर खत्म होती है।
हिंदू नववर्ष के साथ शुरू होने के कारण ये साल की पहली नवरात्रि होती है। इस वक्त वसंत ऋतु होने से इसे वासंती नवरात्रि भी कहते हैं।इसके साथ ही साधक पूरे नौ दिनों तक व्रत रखकर मां की आराधना करते हैं। इसके साथ ही अष्टमी और नवमी तिथि को मां दुर्गा के स्वरूप मानकर छोटी कन्याओं की पूजा करने के साथ भोजन कराते हैं।
पहला दिन- 30 मार्च को मां शैलपुत्री की पूजा
दूसरा दिन- 31 मार्च को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
तीसरा दिन- 01 अप्रैल को मां चंद्रघंटा की पूजा
चौथा दिन- 02 अप्रैल को मां कूष्मांडा की पूजा
पांचवें दिन- 03 अप्रैल को मां स्कंदमाता की पूजा
छठवां दिन- 04 अप्रैल को मां कात्यायनी की पूजा
सातवां दिन- 05 अप्रैल को मां कालरात्रि की पूजा
आठवां दिन- 06 अप्रैल को मां गौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा होगी।