विधेयक को मंजूरी : उत्तराखंड में हड़ताल, विरोध-प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों को निजी और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना पड़ेगा भारी
देहरादून/लोक संस्कृति
उत्तराखंड में अब अगर किसी ने दंगा, फसाद और सरकारी संपत्तियों में तोड़फोड़ पहुंचाई तो उसे महंगा पड़ेगा। अक्सर देखा जाता है कि हड़ताल, विरोध-प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाते हैं। देवभूमि में अब यह सब करना उपद्रवियों को भारी पड़ेगा।
राज्यपाल ने राजभवन ने विधानसभा से पारित उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी है। अब यह अधिनियम का स्वरूप ले लेगा। बता दें कि प्रदेश सरकार ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में हुए विधानसभा के मानसून सत्र में उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक पारित किया था।
इस विधेयक में यह व्यवस्था की गई है राज्य में हड़ताल बंद, दंगा एवं विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक अथवा निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से संपत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति ली जाएगी। संपत्ति के मूल्य की गणना बाजार भाव के हिसाब से की जाएगी।
मालूम हो कि प्रदेश में उपद्रव फैलाने और सरकारी-निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर कड़ी कार्रवाई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कानून बनाने की घोषणा की थी। पहले इसे मार्च 2024 को अध्यादेश के रूप में लागू किया गया था। फिर अगस्त में गैरसैंण में मॉनसून सत्र में इसे विधिवत विधेयक के रूप में पारित कराया गया। इसमें सजा का प्रावधान भी किया गया है। एक रिटायर्ड जिला जज की अध्यक्षता में स्वतंत्र ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा। इस ट्रिब्यूनल को सिविल कोर्ट के समान शक्तियां होंगी। संपत्ति का नुकसान होने की दशा में तीन महीने के भीतर ट्रिब्यूनल में अपील करनी होगी।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘उत्तराखंड लोक (सरकारी) तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (अध्यादेश) कानून 2024 को मंजूरी प्रदान करने पर राज्यपाल का हार्दिक आभार। इस कानून के तहत, दंगाइयों से सरकारी और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई की जा सकेगी।