होली के बाद धामी सरकार के मंत्रिमंडल से एकाध मंत्री की हो सकती है छुट्टी, नए चेहरे होंगे शामिल, चर्चाओं का दौर जारी
देहरादून/लोक संस्कृति
अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो होली के बाद उत्तराखंड की धामी सरकार के मंत्रिमंडल में कुछ नए चेहरे शामिल हो सकते हैं। यह भी संभव है कि एकाद मंत्री की छुट्टी भी हो सकती है। कई दिनों से उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चाओं का दौर भी जारी है।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव होने में अब दो साल से भी कम समय रह गया है। ऐसे में भाजपा हाईकमान ने उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट में कुछ नए चेहरों को लाने की तैयारी शुरू कर दी है।
संभावना है कि होली के बाद उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार हो सकता है। दो सालों से लगातार कैबिनेट में खाली पदों को भरने की चर्चाएं भी हैं। लेकिन केंद्र से हरी झंडी न मिलने के बाद यह पद नहीं भरे गए हैं। अब मंत्रियों की परफॉर्मेंस और लगातार हो रही बयान बाजी के बाद यह चर्चाएं बढ़ गई है। वहीं भाजपा संगठन ने भी कैबिनेट में फिर बदल के संकेत दिए हैं।
चर्चाएं है कि कैबिनेट विस्तार ही नहीं बल्कि दो से तीन मंत्रियों की कैबिनेट से छुट्टी भी हो सकती है। ऐसे में कैबिनेट के फेरबदल की संभावनाएं ज्यादा बढ़ गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली जाने के बाद यह चर्चाएं और ज्यादा तेज हो गई हैं। सीएम धामी के बाद प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी दिल्ली चले गए हैं। माना जा रहा है कि उनके वापस आने के बाद उत्तराखंड में कैबिनेट में फेरबदल होगा।
वर्ष 2022 में जब पुष्कर सिंह धामी ने लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद संभाला, उस समय तीन मंत्री पद रिक्त रखे गए। बाद में कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन से एक स्थान और खाली हो गया। वर्तमान में मुख्यमंत्री के अलावा कुल सात मंत्री हैं। कई बार चर्चाओं के बावजूद अलग-अलग कारणों से मंत्रिमंडल विस्तार टलता आ रहा है। इस बीच हालिया बजट सत्र में कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल का नाम एक विवाद से जुड़ा तो राजनीतिक माहौल गर्मा गया।
गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तरकाशी जिले के दौरे पर आए थे। दोपहर में उन्हें देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए विदा करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी दिल्ली रवाना हो गए। यद्यपि, मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे का कारण कुछ केंद्रीय मंत्रियों से भेंट को बताया गया, लेकिन चर्चा है कि मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से विमर्श इसका असली उद्देश्य है।