Uttarakhand: डेयरी विभाग (Dairy Department) का एप बनाने का कार्य जोरों पर
- उत्तराखंड के चार मैदानी जिलों में खुलेंगे आंचल कैफे और मिल्क बूथ
- डेयरी विभाग का एप बनाने का कार्य जोरों पर, जानवरों की गतिविधियों की जानकारी मिलेंगी
देहरादून/लोक संस्कृति
सचिव व मुख्य परियोजना निदेशक डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों की राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के निदेशालय में समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने परियोजना द्वारा कराए जा रहे कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि, कार्य में और निपुणता लाने के लिए डेयरी , उद्यान, कृषि, सहकारिता, मत्स्य क्षेत्रक की योजनाओं के लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाना है। इसके लिए पंचायती राज विभाग परियोजना के लाभार्थियों को प्रशिक्षण कराएगा।
सचिव डॉक्टर पुरुषोत्तम ने बताया कि, किसानों के लिए चल रही योजनाओं के ब्राउसर तैयार करें। जिसे पढ़ कर किसान पूरी तरह समझ सकें कि, उन्होंने कैसे योजनाओं का लाभ लेना है। उन्होंने बताया कि होमस्टे योजना रीप और सहकारिता विभाग संयुक्त समन्वय स्थापित कर होमस्टे का मॉडल तैयार करें।
अदरक और मशरूम के कार्यों में और तेजी लाने के सचिव ने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अदरक और मशरूम की राज्य में बहुत संभावनाएं हैं। इनकी खेती के लिए परियोजना विशेष रूप से किसानों का सहयोग कर रही है।
डेयरी विकास के परियोजना निदेशक जयदीप अरोड़ा ने बैठक मे जानकारी दी कि, प्रदेश के अलग -अलग जगहों पर आंचल कैफे व मिल्क बूथ बनाए जायेंगे।जिसमें देहरादून 3, नैनीताल 1, उधमसिंहनगर 3, हरिद्वार- 2 में खोले जाने हैं।
इसके अलावा डेयरी विकास का ऐप भी बनाया जा रहा है। आजकल जानवरों की जानकारी इसमें फीड की जा रही हैं। जिसमें पशुओं के लाने के रूट्स व अन्य गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध रहेगी।
इस ऐप को तुरंत फंक्शन में लाने के सीपीडी ने निर्देश दिए हैं।