माण्डुवाला स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के वार्षिकोत्सव समारोह में छात्र- छात्राओं को संबोधित करते मंत्री जोशी

माण्डुवाला स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के वार्षिकोत्सव समारोह में छात्र- छात्राओं को संबोधित करते मंत्री जोशी*

देहरादून/लोक संस्कृति 

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने रविवार को देहरादून के माण्डुवाला स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज आवासीय विद्यालय के 15 वें वार्षिकोत्षव में बतौर मुख्य अतिथि कार्यकम में प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्री जोशी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। वार्षिकोत्सव में स्कूली बच्चों ने कई सांस्कृतिक रंगारंग प्रस्तुतियां दी। इस दौरान मंत्री जोशी ने सभी छात्र छात्राओं को सफलता प्राप्त करने के कुछ महत्वपूर्ण मूलमंत्र भी दिए।

मंत्री जोशी ने कहा प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन में कुछ प्रमुख सामाजिक तत्वों का होना आवश्यक है। अंग्रेजी के 5D-डी (जिसमें Determination, Dedication, Discipline, Diversity and Direction है) का होना अति आवश्यक है।

उन्होंने कहा देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की शिक्षा नीति में अहम बदलाव हुआ है। शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मुख्य लाभ देश के लगभग 02 करोड़ बच्चों को फिर से शिक्षा की मुख्य धारा में लाना है।

उन्होंने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने उत्तराखण्ड के उच्च शिक्षा प्रणाली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किया है। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन द्वारा मंत्री जोशी से विद्यालय की सड़क मार्ग को ठीक करने का अनुरोध किया गया। जिसपर मंत्री जोशी ने विद्यालय के सड़क मार्ग को शीघ्र ही दुरुस्त करने का आश्वासन दिया।

मंत्री ने कहा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य कर रहा है। उन्होंने सरकार की तरफ से शिशु विद्या मंदिरों के विद्यालयों के सुदृढ़ीकरण को लेकर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।इस अवसर पर मंत्री जोशी ने सभी छात्र छात्राओं के उज्वल भविष्य की कामना भी की।

इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्ष रजनीकांत शुक्ला, सुरेंद्र मित्तल, प्रबंधक कैलाश मैलाना, विजय, राकेश मेंदोला,मंडल अध्यक्ष पूनम नौटियाल, जिलाध्यक्ष भाजपा गीता सिंह, मंडल अध्यक्ष सुखदेव फर्सवाण सहित विद्यालय के शिक्षक शिक्षिका एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।