- महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने किया राजकीय महिला कल्याण एवं पुर्नवास केन्द्र (मानसिक) में नवनिर्मित 40 बैड के शयनकक्षों एवं राजकीय बाल गृह केदारपुरम (देहरादून) में नवनिर्मित 20 बैड के शयन कक्षों का लोकार्पण
- मानसिक रूप से विक्षिप्त एवं ग्रसित दिव्यांग महिलाओं को मिलेगी बेहतर सुविधाएँ-रेखा आर्य
देहरादून/लोक संस्कृति
आज महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या राजकीय महिला एवं पुर्नवास केन्द्र पहुंची जहाँ उन्होंने महिला एवं पुर्नवास केन्द्र (मानसिक) में नवनिर्मित 40 बैड के शयन कक्षों एवं राजकीय बाल गृह, केदारपुरम देहरादून में नवनिर्मित 20 बैड के शयन कक्षों का लोकार्पण किया।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने इस दौरान कहा की मानसिक रूप से विक्षिप्त एवं ग्रसित दिव्यांग महिलाओं को बेहतर सुविधाएँ मिल सके इस उद्देश्य के साथ इन कमरों का निर्माण किया गया है।
उन्होंने कहा की पूर्व में देखने में आता था कि कमरों की उपलब्धता ना होने के कारण एक ही कमरे में अलग -अलग प्रवर्ती की महिलाये निवास करती थी जिससे उन्हें रहने में असुविधा होती थी लेकिन अब नये कमरों के बन जाने से यहाँ निवासरत महिलाओ को किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी।
वहीँ बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने राजकीय बाल गृह, केदारपूरम में नवनिर्मित 20 बैड के शयन कक्षों का भी लोकार्पण किया।
उन्होंने कहा कि महिला कल्याण के अन्तर्गत जनपद देहरादून में राजकीय महिला कल्याण एवं पुनर्वास केन्द्र (मानसिक) में 18 वर्ष से अधिक उम्र की निराश्रित, अनाथ, बेसहारा, शारीरिक / मानसिक रूप दिव्यांग महिलाओं हेतु आवासीय संस्था का संचालन किया जा रहा है जिसमें मानसिक रूप से विक्षिप्त एवं मानसिक रोग से ग्रसित दिव्यांग महिलाओं की समुचित देखरेख एवं संरक्षण व उनके भरण पोषण, पैरामेडिकल सुविधा, शिक्षा, आवास, कौशल विकास, सहायक उपकरण इत्यादि की सुविधा उपलब्ध करायी जाती हैं।
वर्तमान में संस्था में 105 महिलांए निवासरत है। वर्तमान में भवन में संवासियों के सुव्यवस्था के दृष्टिगत रू०143.10 लाख (रू० एक करोड़ तैंतालीस लाख चालीस हजार मात्र) की लागत से 40 बैड के शयन कक्षों का निर्माण व अतिरिक्त कार्य कराया गया हैं।
साथ ही कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि राजकीय बाल गृह जिसमें 11-18 आयुवर्ग की बालिकाओं हेतु विभाग द्वारा 50 स्वीकृत क्षमता की आवासीय संस्था का संचालन किया जा रहा है जिसमें अनाथ, निराश्रित, बेसहारा, उपेक्षित, दिब्यांग बालिकाओं की देखरेख एवं संरक्षण तथा पुनर्वासित किये जाने की दृष्टि से आवासीय संस्थाओं में अध्यासित किया जाता है।
वर्तमान में उक्त संस्था में 16 बालिकाओं को रखा गया है जिन्हें निःशुल्क आवास, भोजन, वस्त्र व चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ उनके शिक्षण एवं प्रशिक्षण की व्यवस्था है।
जानकारी देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि समस्त बालिकाएं नजदीकी विद्यालय में जाकर शिक्षा ग्रहण कर रही है। राजकीय बाल गृह (बालिका) में निवासरत बालिकाओं हेतु परिसर में आज 20 बैड का शयन कक्ष जो की 126.79 लाख रू0 (एक करोड़ छब्बीस लाख उन्यासी हजार रुपये मात्र) की लागत से बना है!
साथ ही कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा की यहाँ निवासरत महिलाओं, बालिकाओं और बच्चो को समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास सरकार और विभाग की और से किया जा रहा है जिससे वह भी समाज की मुख्यधारा में आकर अपना बेहतर जीवन यापन कर सकें।
इस अवसर पर सचिव श्री हरि चंद सेमवाल जी,निदेशक महिला कल्याण श्री प्रदीप सिंह रावत जी , मुख्य प्रोवेशन अधिकारी श्री मोहित चौधरी जी,जिला प्रोवेशन अधिकारी श्रीमती मीना बिष्ट जी सहित विभागीय अधिकारी, कर्मचारी और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।