छठ महापर्व का समापन : उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ खत्म हुआ छठ महापर्व, बिहार से लेकर उत्तराखंड तक धूमधाम के साथ मनाया गया लोकपर्व
लोक संस्कृति
चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद संपन्न हो गया। छठ व्रतियों ने गंगा घाटों पर उगते सूर्य की उपासना की। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास भी खत्म हुआ। इस दिन व्रती महिलाएं जल में डुबकी लगाकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं। अपने परिवार की सुख-समृद्धि, संतान की दीर्घायु और जीवन में ऊर्जा की कामना करती हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में अपने आवास पर छठपूजा के आखिरी दिन उगते सूरज को ‘उषा अर्घ्य’ दिया। पटना के दीघा घाट में लाइटिंग के जरिए लोगों से वोट करने की अपील की गई। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान बिहार के पटना में अपने आवास पर छठपूजा की रस्मों में शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बिहार के पटना में ऐजी कॉलोनी पार्क में छठपूजा उत्सव में भाग लिया। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में लोकआस्था के महापर्व छठ पूजा के चौथे दिन सोमवार की देर रात श्रद्धालु व्रतियों ने सरिसवा नदी घाट के विभिन्न स्थलों पर पारंपरिक कोशी पूजा संपन्न की।

इस दौरान पूरे वातावरण में भक्ति और आस्था का माहौल छाया रहा। मुंबई, दिल्ली समेत कई शहरों में छठ की रौनक देखी गई। दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया। बिहार के साथ उत्तराखंड में भी छठ महापर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। राजधानी देहरादून से लेकर खटीमा तक छठ की धूम रही। खटीमा के संजय रेलवे पार्क स्थित छठ घाट पर पूर्वांचल समाज द्वारा हर्षोल्लास पूर्वक छठ महापर्व मनाया गया। सोमवार को शाम के समय खटीमा नगर स्थित छठ घाट पर सैकड़ों की संख्या में पूर्वांचल समाज की व्रती महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में फल पकवान एवं पूजा सामग्री के साथ पहुंच सूर्य भगवान व छठ मैया की उपासना कर डूबते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। साथ ही सूर्य भगवान से परिवार की सुख समृद्धि और पति की दीर्घायु की कामना की। उसके बाद मंगलवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व का समापन हुआ। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी संजय रेलवे पार्क पहुंच सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया। साथ ही सभी पूर्वांचल समाज की महिलाओं सहित अन्य सभी वर्गों के लोगों को लोक महापर्व छठ की शुभकामनाएं दी।
सीएम धामी ने भगवान सूर्य एवं छठ मैया से इस लोक पर्व में सभी की सुख समृद्धि की कामना की। चार दिवसीय यह पर्व 25 अक्टूबर को ‘नहाय-खाय’ के साथ शुरू हुआ था। आज 28 अक्टूबर को संपन्न हो रहा है। रांची से लेकर पटना और गोरखपुर से दिल्ली तक छठ के व्रती घाटों के किनारे जमा हैं। रात भर से मंगल गीत गाए जा रहे हैं। इस वक्त घाटों की छटा देखने लायक है। इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास एक अणे मार्ग पर परिवार के सदस्यों के साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर छठ उत्सव में भाग लिया। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने मुंगेर जिले के तारापुर स्थित अपने पैतृक आवास में पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया और डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद व्रती घर लौटकर श्रद्धापूर्वक पारण करते हैं। 36 घंटे के निर्जला उपवास के बाद यह क्षण भक्ति और संतोष से भरा होता है।

परंपरा के अनुसार, व्रत का पारण कच्चे दूध का शरबत, ठेकुआ, या गुड़-चावल की खीर खाकर किया जाता है। कुछ महिलाएं पूजा स्थल पर दीप जलाकर छठी मईया का आभार प्रकट करती हैं और फिर परिवार सहित प्रसाद ग्रहण करती हैं।पारण के दौरान ठेकुआ, कसरी, खीर, फलाहार और तुलसी जल का विशेष महत्व होता है। सबसे पहले व्रती तुलसी के पत्ते से जल ग्रहण करते हैं और फिर छठी मईया को प्रणाम कर प्रसाद खाकर व्रत तोड़ते हैं।
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