शिक्षक सम्मान : शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश भर के 45 शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से किया सम्मानित
लोक संस्कृति डेस्क
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को ‘शिक्षक दिवस’ के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में देश भर के शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में ‘स्मार्ट ब्लैकबोर्ड’, ‘स्मार्ट क्लासरूम’ और अन्य आधुनिक सुविधाओं का अपना महत्व है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण चीज ‘स्मार्ट’ शिक्षक हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने शिक्षकों की भूमिका को देश के भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण बताया और भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाने का आह्वान किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, “भोजन, वस्त्र और आवास की तरह शिक्षा भी व्यक्ति के सम्मान और सुरक्षा के लिए आवश्यक है। संवेदनशील शिक्षक बच्चों में सम्मान और सुरक्षा की भावना विकसित करने का काम करते हैं।” उन्होंने अपने शिक्षक के रूप में बिताए समय को याद करते हुए कहा, “वह मेरे जीवन का सबसे सार्थक दौर था।” उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यक्ति को सक्षम बनाती है। सबसे गरीब पृष्ठभूमि के बच्चे भी शिक्षा की शक्ति से प्रगति की ऊंचाइयों को छू सकते हैं। स्नेहपूर्ण और समर्पित शिक्षक बच्चों की उड़ान को ताकत देने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षकों के लिए सबसे बड़ा पुरस्कार यह है कि उनके छात्र जीवन भर उन्हें याद रखते हैं और परिवार, समाज व देश के लिए उल्लेखनीय योगदान देते हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का उल्लेख करते हुए कहा कि यह नीति कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के विस्तार और वंचित वर्ग की लड़कियों के लिए विशेष शैक्षिक सुविधाओं पर जोर देती है। हालांकि, शिक्षा से संबंधित किसी भी पहल की सफलता मुख्य रूप से शिक्षकों पर निर्भर करती है।
उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे विशेष रूप से उन छात्रों, खासकर लड़कियों, पर ध्यान दें जो शर्मीली हैं या कम विशेषाधिकार प्राप्त पृष्ठभूमि से आती हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। इसके लिए हमारे शिक्षकों को विश्व के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा और कौशल शिक्षा, इन तीनों क्षेत्रों में हमारे संस्थानों और शिक्षकों को सक्रिय योगदान देना होगा। शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित करेगा।” उन्होंने कहा, “छात्रों के चरित्र निर्माण में शिक्षक की प्राथमिक जिम्मेदारी है। संवेदनशील, जिम्मेदार और नैतिक आचरण वाले छात्र उन छात्रों से बेहतर हैं जो केवल प्रतिस्पर्धा, किताबी ज्ञान और स्वार्थ में रुचि रखते हैं। एक अच्छे शिक्षक में भावनाओं और बुद्धि दोनों का समन्वय होता है, जो छात्रों पर गहरा प्रभाव डालता है।” डिजिटल शिक्षा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “स्मार्ट ब्लैकबोर्ड और स्मार्ट क्लासरूम अपनी जगह महत्वपूर्ण हैं, लेकिन सबसे जरूरी स्मार्ट शिक्षक हैं। स्मार्ट शिक्षक वे हैं जो अपने छात्रों के विकास की जरूरतों को समझते हैं और स्नेह व संवेदनशीलता के साथ पढ़ाई को रोचक तथा प्रभावी बनाते हैं। ऐसे शिक्षक छात्रों को समाज और राष्ट्र की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाते हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने लड़कियों की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की अपील की। उन्होंने कहा, “हम लड़कियों की शिक्षा में निवेश करके अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के निर्माण में एक अमूल्य योगदान देते हैं। यह महिला-नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देने का सबसे प्रभावी तरीका है।
इन 45 शिक्षकों को राष्ट्रपति मुर्मू ने किया सम्मानित
1-सुनीता – सोनीपत
2-शशि पॉल – हिमाचल प्रदेश
3-नरिंदर सिंह – लुधियाना
4-अवधेश कुमार झा – उत्तर पश्चिम दिल्ली
5-मंजूबाला – चम्पावत
6-परवीन कुमारी – चंडीगढ़
7-नीलम यादव – खैरथल तिजारा
8-भाविनीबेन दिनेशभाई देसाई – दमन
9-विलास रामनाथ सातारकर – उत्तरी गोवा
10-हितेश कुमार प्रवीणचंद्र भुंडिया – राजकोट
11-हिरेनकुमार हसमुखभाई शर्मा – गांधीपुरा खेड़ा
12-शीला पटेल – दमोह
13-भेरूलाल ओसारा – आगर मालवा
14-डॉ. प्रज्ञा सिंह – दुर्ग
15-कुलदीप गुप्ता – राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जिंद्राह
16-राम लाल सिंह यादव – भदोही
17-मधुरिमा तिवारी – मिर्जापुर
18-कुमारी निधि – किशनगंज
19-दिलीप कुमार – सुपौल
20-सोनिया विकास कपूर – मुंबई
21-कंधन कुमारेसन – एबरडीन
22-संतोष कुमार चौरसिया – कोरबा
23-डॉ. प्रमोद कुमार – नालंदा
24-तरुण कुमार दाश – कोरापुट
25-बसंत कुमार राणा – मल्कानगिरी
26-तनुश्री दास – मेदिनीपुर पश्चिम
27-नांग एकथानी मौंगलांग – पापुम पारे
28-पेलेनो पेटेनिलहु – कोहिमा
29-कोइजाम मचासन – इम्फाल पश्चिम
30-कर्मा टेम्पो एथेनपा – मंगन
31-डॉ. हेइपोर यूनी बैंग – पूर्वी जयंतिया हिल्स
32-बिदिशा मजूमदार – गोमती
33-देबजीत घोष – डिब्रूगढ़
34-श्वेता शर्मा – देवघर
35-डॉ. शेख मोहम्मद वाकियोद्दीन शेख हामिदोद्दीन – नांदेड़
36-डॉ. संदीपन गुरुनाथ जगदाले – लातूर
37-इब्राहिम एस – मूला एंड्रोथ
38-मधुरिमा आचार्य – कोलकाता
39-मदबाथुला थिरुमाला श्रीदेवी – विशाखापत्तनम
40-मरम पवित्रा – सूर्यापेट
41-रेवती परमेश्वरन – चेन्नई
42-विजयलक्ष्मी वी – तिरुपूर
43-किशोरकुमार एम.एस. – तिरुवनंतपुरम
44-डॉ. वी रेक्स उर्फ राधाकृष्णन – थिलैयाडी वल्लियाम्मल गवर्नमेंट हाई स्कूल
45-मधुसूदन के.एस. – मैसूर