हथकरघा क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए मंजू धामी व हथकरघा व्यवसाय से जुड़े अन्य बुनकर महिलाओं को प्रशस्ति पत्र देकर किया गया सम्मानित 

चमोली 07 अगस्त,2022 

जनपद चमोली में आठवां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस उत्साह के साथ मनाया गया। प्रगति बैक्वेट हॉल, गोपेश्वर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि/संयुक्त मजिस्ट्रेट अभिनव शाह, विशिष्ट अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष पुष्पा पासवान एवं सम्मानित अतिथि माहेश्वरी खाती ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस दौरान हथकरघा क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए मंजू धामी एवं हथकरघा व्यवसाय से जुड़े अन्य बुनकर महिलाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर हथकरघा उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।

मुख्य अतिथि ने बुनकरों एवं उद्यमियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हथकरघा उद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग है और बुनकरों को सशक्त बनाने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है। उन्होंने कहा कि बुनकर योजनाओं का लाभ उठाएं और नई पीढी को भी हथकरघा व्यवसाय की जानकारी देकर व्यापार को आगे बढाएं। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को भी प्रेरित करते हुए स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने पर जोर दिया।
बुनकर सेवा केन्द्र चमोली के सहायक निदेशक विनय कुमार ने हथकरघा विकास कार्यक्रम और सरकारी की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हथकरघा एवं बुनकर व्यवसाय को बढावा देने के लिए सरकार की ओर से सभी प्रयास एवं सहयोग दिया जा रहा है। जनपद चमोली में हथकरघा सवर्धन सहायता योजना के तहत 26 बुनकरों को हथकरघा तथा 4 बुनकरों को ताना मशीन का सेट 90 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध कराया गया है।
साथ 04 महिलाओं को व्यक्तिगत वर्कशेड निर्माण हेतु सहायता प्रदान की गई है। प्रतिभाशाली बुनकरों को देशभर में होने वाले क्राफ्ट मेलों में प्रतिभाग का अवसर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हथकरघा एवं बुनकर कारीगरों को बुनाई, रंगाई एवं तकनीकी क्षेत्र में महत्वपूर्ण जानकारी देकर आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर वर्ष 7 अगस्त का दिन राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस अवसर पर लीड बैंक अधिकारी प्रताप सिंह राणा, बुनकर सेवा केन्द्र के सहायक निदेशक विनय कुमार, राष्ट्रीय योग्यता प्रमाण पत्र धारक माहेश्वरी खाती आदि सहित विरही, बौला, भीमतल्ला, छिनका, कौडिया, बाजपुर, बालखिला, चमोली आदि क्षेत्रों से बुनकर महिलाएं मौजूद थी।