हरीश रावत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने फिर से मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर झूठ बोला है। मुस्लिम यूनिवर्सिटी बयान वाला अखबार मेरी बार-बार चुनौती के बाद भी भाजपा नहीं दिखा पायी। क्योंकि ऐसा कोई अखबार है ही नहीं और न ही मैंने कभी ऐसा बयान कभी दिया है।
रावत ने कहा कि अब भाजपा के प्रवक्ता कहते हैं, कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी की घोषणा जिस बैठक में हुई थी उसमें मैं मौजूद था। मेरी चुनौती है कि अपने इस झूठ को भी भाजपा स्वीकार करें और सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगे।
मैं 27 जनवरी, 2022 से लगातार 6 दिन लालकुआं, नैनीताल में था। मैं देहरादून 2 फ़रवरी, 2022 को आया और जिस दिन देहरादून पहुंचा उससे पहले ही भाजपा मुस्लिम यूनिवर्सिटी का झूठ गढ़ कर मीडिया तक पहुंचा चुकी थी।
घोषणापत्र सम्बंधित पत्रकारवार्ता में पत्रकारों के पूछने पर मुझे पहली बार मुस्लिम यूनिवर्सिटी सम्बंधित झूठ की जानकारी मिली। मैंने प्रश्न के उत्तर में किसी ऐसे प्रयास या सोच का खंडन ही नहीं किया, बल्कि यह भी कहा कि हमने संस्कृत विश्वविद्यालय खोला और जब हम सत्ता में आयेंगे तो उत्तराखंडी संस्कृति और खेलकूद को लेकर इस बार विश्वविद्यालय खोलेंगे।
मैं भाजपा को पुनः चुनौती देता हूं कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी संबंधी बयान वाले अख़बार को तो, वो बार-बार मेरी चुनौती देने के बावजूद प्रस्तुत नहीं कर पाए। अब ऐसे किसी बैठक जिसमें मुस्लिम युनीवर्सिटी खोलने का निर्णय लिया गया और उस बैठक में मैं उपस्थित था उसका प्रमाण सार्वजनिक रूप से मेरी उपस्थिति में जारी करें।
यदि जारी नहीं कर पा रहे हैं तो यह एक और बिना सर-पैर का झूठ है, सार्वजनिक रूप से मुझसे क्षमा मांगे। मैं जनता हूँ कि भाजपा की आँखों में मैं कांटे की तरह से खटकता हूँ। 2016 में उन्होंने मेरी अच्छी खासी चलती हुई सरकार को झूठ बोलकर बर्खास्त किया, फिर चुनाव में भी झूठ बोला और 2022 में फिर से झूठ बोलकर कांग्रेस को सत्ता में आने से रोका।
रावत ने कहा मैंने अब निश्चय किया है, कि मैं भाजपा के इस झूठ का पर्दाफाश करूंगा और जन -जन तक इस बात को पहुँचाऊगा। इसके साथ ही मुझे दुःख है कि झूठ बोलने के लिए भाजपा ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रीगण तथा 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों का उपयोग किया।