स्वास्थ्य विभाग को मिले 117 और सीएचओ: डॉ. धन सिंह रावत

स्वास्थ्य विभाग को मिले 117 और सीएचओ: डॉ. धन सिंह रावत

  • कहा, चयनित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को शीघ्र मिलेगी तैनाती
  • राज्य चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय ने विभाग को सौंपी चयन सूची

देहरादून/लोक संस्कृति

सूबे के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को 117 और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) मिल गए हैं। एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय ने प्रतीक्षा सूची में शामिल इन चयनित सीएचओ की सूची विभाग को सौंप दी है। इन सभी चयनित सीएचओ को शीघ्र ही आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में तैनाती दी जाएगी। जिस हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार की मंशा प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ कर प्रत्येक व्यक्ति को बेहतर उपचार सुलभ कराना है।

इस दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है। डॉ रावत ने बताया कि प्रदेश में संचालित वेलनेस सेंटरों में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने के लिये विभाग द्वारा एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय से और सीएचओ की मांग की गई थी, जिसके तहत विश्वविद्यालय द्वारा प्रतीक्षा सूची से चयनित 117 सीएचओ की जनपदवार चयन सूची स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी गई है। चयनित अभ्यर्थियों में अल्मोड़ा व हरिद्वार में 16-16, बागेश्वर व चमोली में 7-7, देहरादून व नैनीताल 15-15, पिथौरागढ़ व टिहरी 12-12, उधमसिंह नगर 6, उत्तरकाशी 5, रुद्रप्रयाग 4 और चंपावत में 2 सीएचओ का चयन किया गया है। जिन्हें शीघ्र ही जिलावार आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में रिक्त पदों के सापेक्ष तैनाती दी जाएगी। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के निर्देश दे दिये गये हैं। विभागीय मंत्री ने बताया कि इससे पहले विभाग ने 1683 पदों के सापेक्ष 1515 सीएचओ की तैनाती कर दी थी। जिसमें से कुछ अभ्यर्थियों का चयन नर्सिंग अधिकारी के पद पर हो जाने से सीएचओ के पद खाली हो गए थे। जिन्हें भरने के लिये एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय को सीएचओ प्रतीक्षा सूची से और चयनित अभ्यर्थियों की सूची उपलब्ध कराने को कहा गया था। उन्होंने कहा कि राज्य में संचालित वेलनेस सेंटरों पर शत प्रतिशत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की नियुक्ति करना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है ताकि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की सामान्य जांचें आसानी हो सके।