45 दिनों तक चले महाकुंभ का आज सीएम योगी करेंगे समापन, पुलिसकर्मियों, सफाई कर्मियों और नाविकों को किया जाएगा सम्मानित
लोक संस्कृति
45 दिनों तक चले उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का समापन हो चुका है। संगम में आखिरी स्नान महाशिवरात्रि पर्व के दिन हुआ। जो इस बार महाकुंभ में पहुंचा और संगम में डुबकी लगाई वह खुश है। मेला क्षेत्र में दुकानदार और सुरक्षा में लगाए गए पुलिसकर्मी भी अब अपने-अपने ड्यूटी स्थलों पर लौटने की तैयारी कर चुके हैं।
इस महाकुंभ से सबसे ज्यादा उत्साहित उत्तर प्रदेश की योगी सरकार है। महाकुंभ को लेकर प्रदेश की सियासत भी गर्म है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज महाकुंभ का विधवत समापन करने जा रहे हैं। महाकुंभ के समापन कार्यक्रम में सीएम योगी, दोनों डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और केशव मौर्य शामिल होंगे। पंडाल में पुलिसकर्मियों, सफाई कर्मियों, नाविकों को सम्मानित करेंगे।
मुख्यमंत्री का दोपहर का भोज पुलिसकर्मियों के साथ होगा। इस कार्यक्रम में एक साथ लगभग तीन हजार पुलिसकर्मी शामिल होंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ के इन कार्यक्रमों में कई मंत्री और शासन के उच्चाधिकारी भी शामिल होंगे। महाकुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि महाकुंभ का समापन महाशिवरात्रि स्नान पर्व के साथ हो गया। समापन समारोह गुरुवार को होगा। उन्होंने बताया कि संगम पर वर्ष पर्यंत सुविधाएं रहेंगी। अगले माह तक तक संगम के पास के तीन पांटून पुल तथा दो थानों का संचालन किया जाएगा। बिजली, पानी के साथ टॉयलेट्स की भी सुविधा संगम पर रहेगी। चकर्ड प्लेटें भी बिछी रहेंगी।
बता दें कि 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चले महाकुंभ में रिकॉर्ड 66.70 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई। यह आंकड़ा अमेरिका की आबादी (34 करोड़) का दोगुना है। योगी सरकार ने दावा किया कि दुनिया में हिंदुओं की आधी आबादी के बराबर लोग यहां पहुंचे। आखिरी दिन 1.53 करोड़ लोगों ने स्नान किया। एयरफोर्स के विमानों ने मेला क्षेत्र के ऊपर एयर शो किया।
सीएम योगी के गिद्ध और सूअर वाले बयान पर अखिलेश यादव ने किया पलटवार
सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की तुलना मक्का से की और विपक्ष पर निशाना साधा। अखिलेश यादव ने भी पलटवार किया। योगी ने विपक्ष को ‘गिद्ध और सूअर’ कहा, जिस पर सियासी पारा हाई हो गया।
अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री गिद्ध कहकर महाकुंभ में अपनों की खोज कर रहे लोगों और मृतकों के परिवारों को अपमानित कर रहे हैं। महाकुंभ में बड़ी संख्या में अब भी लोग अपनों को खोज रहे है। कहीं भाई-भाई को ढूंढ रहा है तो कहीं बेटा अपने पिता को, बेटी अपनी मां को ढूंढ रही है। काफी लोग अभी तक नहीं मिले हैं। क्या अपनों को ढूंढने वालों को मुख्यमंत्री गिद्ध बोल रहे हैं? यह संवैधानिक पद पर बैठे एक मुख्यमंत्री की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।
सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा, प्रयागराज महाकुंभ में जो भगदड़ हुई और व्यवस्था खराब हुई उसके लिए खुद मुख्यमंत्री जी जिम्मेदार हैं। वह किस बात की निगरानी और निरीक्षण करते रहे जो इतनी बड़ी घटना हो गयी।
अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ में हुई भगदड़ में जिन लोगों की जान गयी है, मुख्यमंत्री उनकी सूची नहीं दे पाये। सरकार डरी हुई है इसीलिए अभी तक मृतकों का सही आंकड़ा और खोए लोगों की सूची नहीं दे पा रही है। मुख्यमंत्री की भाषा अलोकतांत्रिक है। वह समाजवादियों पर अनर्गल टिप्पणी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री को समाजवाद, समाजवादियों और लोकतंत्र के बारे में कुछ नहीं पता है। समाजवादी सबको साथ लेकर चलते हैं। सबका सम्मान करते हैं। भाजपा की तरह नफरत नहीं फैलाते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को राज्य विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा था, कुंभ में जिसने जो तलाशा उसे वही मिला। गिद्धों को केवल लाश मिली, सुअरों को गंदगी मिली, संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली, आस्था वालों को पुण्य मिला, सज्जनों को सज्जनता मिली, गरीबों को रोजगार मिला, अमीरों को धंधा मिला, श्रद्धालुओं को साफ-सुथरी व्यवस्था मिली, पर्यटकों को अव्यवस्था मिली, सद्भावना वाले लोगों को जाति रहित व्यवस्था मिली, भक्तों को भगवान मिले। मतलब सबने अपने-अपने स्वभाव और चरित्र के अनुसार चीजों को देखा है।