उत्तराखंड : भू कानून में संशोधन सहित 6 विधेयक विधानसभा में पेश
देहरादून/लोक संस्कृति
उत्तराखंड सरकार ने बजट सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को बहुप्रतीक्षित भू कानून में संशोधन सहित 6 विधेयक सदन में पेश किए।
सरकार की ओर से राज्य में विभिन्न प्रयोजनों के लिए भूमि क्रय करने हेतु आवश्यकता अनुसार भूमि क्षेत्रफल तथा क्रय भूमि के निर्धारित प्रयोजन के अनुसार उपयोग किए जाने और नगर निकाय क्षेत्रांतर्गत आने वाली भूमि के संबंध में राजस्व न्यायालयों के क्षेत्राधिकार को स्पष्ट करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 (अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश 2001) (यथा उत्तराखंड राज्य में प्रवृत्त) में संशोधन विधेयक, उत्तराखंड राज्य क्रीडा विश्वविद्यालय विधेयक 2025, उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश लोक सेवा) (शारीरिक रूप से विकलांक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण) अधिनियम 1993 (संशोधन) विधेयक 2025, उत्तराखंड लोक सेवा (कुशल खिलाडिय़ों के लिए क्षैतिज आरक्षण) (संशोधन) विधेयक 2025, उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2025 तथा उत्तराखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025 को मंजूरी के लिए सदन के विचारार्थ पेश किया।
इसके अलावा सरकार ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा उत्तराखंड सरकार की वर्ष 2023-24 के वित्त लेखे एवं विनियोग लेखा प्रतिवेदन, भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन पर निष्पादन लेखा परीक्षक प्रतिवेदन 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वर्ष के लिए भी सदन के पटल पर रखे।
इसके अतिरिक्त भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा शहरी स्थानीय निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वर्ष के लिए निष्पादन लेखा परीक्षक रिपोर्ट, भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक द्वारा प्रतिकरात्मक वनारोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण की कार्य प्रणाली पर 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वर्ष के लिए निष्पादक लेखा परीक्षा प्रतिवेदन, भारत एवं नियंत्रक और महालेखापरीक्षक द्वारा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकारों के कल्याण पर 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वर्ष के लिए निष्पादन लेखा परीक्षा प्रतिवेदन, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग का (1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2025) 23वां वार्षिक प्रतिवेदन और वर्ष 2024-25 का आर्थिक सर्वेक्षण सदन के पटल पर रखा।