चिंता : उत्तराखंड के इंटर कालेजों में प्रधानाचार्य के 89 प्रतिशत पद खाली
5184 विद्यालयों में 20 से कम छात्र संख्या पर दो शिक्षक तैनात
देहरादून/लोक संस्कृति
उत्तराखंड के राजकीय इंटर कालेजों में प्रधानाचार्य के लगभग 89 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं।
इसके अलावा मानकों के विपरीत 2018 राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में जहां मात्र एक शिक्षक तैनात हैं, वहीं 5184 विद्यालयों में 20 से कम छात्र संख्या पर दो शिक्षक तैनात हैं।
विधायक खुशहाल सिंह अधिकारी द्वारा प्रश्रकाल के दौरान पूछे गए अतारांकित प्रश्न के उत्तर में शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि नैनीताल एवं देहरादून जनपद के पर्वतीय क्षेत्र सहित प्रदेश के पर्वतीय जनपदों में स्थित राजकीय इंटर कालेजों में प्रधानाचार्यों के कुल स्वीकृत 1229 पदों में से वर्तमान में मात्र 126 नियमित प्रधानाचार्य तैनात हैं, जबकि 1103 पद रिक्त हैं।
मंत्री ने बताया कि जहां पद रिक्त हैं, वहां वरिष्ठतम प्रवक्ता को प्रधानाचार्य का अतिरिक्त प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में ज्येष्ठता के आधार पर इंटर कालेजों के प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर पदोन्नति के लिए राजकीय हाईस्कूल में कार्यरत प्रधानाध्यापक निर्धारित पांच वर्ष की अर्हकारी सेवा पूर्ण नहीं कर रहे हैं। प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कालेज एवं राजकीय बालिका इंटर कालेज के रिक्त 50 प्रतिशत पदों पर सीमित विभागीय परीक्षा द्वारा मैरिट सूची के आधार पर पदोन्नति हेतु उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के माध्यम से प्रक्रिया गतिमान है।
भाजपा विधायक महेश जीना के तारांकित प्रश्न के उत्तर में मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मानक के अनुसार राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में 60 बच्चों तक दो शिक्षकों की तैनाती का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में 11375 राजकीय प्राथमिक विद्यालय हैं, जिनमें से 9357 विद्यालयों में निर्धारित मानकानुसार शिक्षक तैनात हैं, जबकि 2018 राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में मात्र एक शिक्षक तैनात है।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के 5184 विद्यालय ऐसे भी हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या 20 या इससे कम है, लेकिन वहां दो-दो शिक्षक तैनात हैं।