खाद्य पदार्थों में थूक और गंदगी मिलाने की घटनाओं के बाद सीएम धामी के सख्त निर्देश, दोषियों पर लगेगा एक लाख तक का जुर्माना
- खाद्य कारोबारियों को अपने कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से पहनाना होगा फोटोयुक्त पहचान पत्र, लगाने होगें सी०सी०टी०वी० कैमरे : डॉ. आर राजेश कुमार
- मीट कारोबारियों, ढाबे, होटल एवं रेस्टोरैन्ट संचालकों को अपने यहां लिखना होगा मीट हलाल का है या फिट झटका
- भोजन बनाने और परोसने वाले कार्मचारी अनिवार्य रूप से पहनेंगे फेस मास्क/ ग्लब्स/हेड गियर
देहरादून/लोक संस्कृति
उत्तराखंड में खाद्य पदार्थों, चाय, गन्ने के जूस आदि में थूकने और गंदगी मिलाने वालों की खैर नहीं होगी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में सख्त तेवर अपनाए हैं। मुख्यमंत्री धामी के इस फैसले के बाद खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने बुधवार को खाद्य कारोबारियों को दिशा-निर्देश जारी किए। दिशा-निर्देशों के तहत दोषी पाए जाने पर 25 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ खाद्य कारोबारियों को लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है।
हाल ही में सोशल मीडिया पर देहरादून और मसूरी में होटल और ढाबा जैसी जगहों पर खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाओं के वीडियो वायरल हुए, जिन पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री धामी ने एफडीए और पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
पुलिस ने तत्काल एक मामले में कार्रवाई करते हुए मसूरी में लाइब्रेरी चौक पर चाय की रेहड़ी लगाने वाले दो भाइयों नौशाद अली और हसन अली को चाय के बर्तन में थूकने और उसे ग्राहकों को पिलाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। दोनों भाई उत्तर प्रदेश के मुजफफरनगर जिले के खतौली के रहने वाले हैं।
मुख्यमंत्री ने इन घटनाओं के संबंध में कहा कि राज्य में इस तरह की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि ऐसे मामलों की सघन जांच हो और दोषियों को सजा मिले। प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि त्योहारों का समय आ रहा है, जिसे देखते हुए सुरक्षा और शुद्धता उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि त्यौहारों के दौरान किसी भी प्रकार की अशुद्धता या असामाजिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों के बाद स्वास्थ्य सचिव व एफडीए के आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के साथ 25 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया।
कुमार ने इस संबंध में कहा कि हाल के दिनों में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जूस एवं खानपान की अन्य वस्तुओं में मानव अपशिष्ट एवं अन्य गंदी चीजों की मिलावट के मामले सामने आये हैं, जो खाद्य सुरक्षा एव मानक अधिनियम 2006 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है।
खाद्य संरक्षा आयुक्त ने कहा कि आमजन को शुद्ध, स्वच्छ व सुरक्षित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित कराए जाने के दृष्टिगत राज्य में संचालित होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, कैंटीन, फूड वेंडिंग एजेंसीज, फूड स्टाल, स्ट्रीट फूड वेंडर्स आदि में खाद्य सुरक्षा व स्वच्छता के मानकों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने का नियम है। जिसके लिए विभागीय टीमें लगातार अभियान चलाकर छापेमारी कर रही हैं। खाद्य पदार्थों की सैंपलिंग भी की जा रही है। जांच में दोषी पाए जाने वाले खाद्य कारोबारियो पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं खाद्य पदार्थ बेचने वालों के लिए पहचान पत्र पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।
इसके अलावा राज्य में किसी भी रूप में मीट बेचने वालों के लिए हलाल या झटका का उल्लेख करने के भी निर्देश दिए गए हैं। मीट कारोबारियों, ढाबे, होटल एवं रेस्टोरेंट संचालकों को अपने यहां लिखना होगा कि मीट हलाल का है या फिट झटका। साथ ही उन्हें दुकान का लाइसेंस भी ग्राहकों को प्रदर्शित करना होगा। सीसीटीवी कैमरे भी अनिवार्य रूप से लगाने होंगे।