- सीएम धामी ने बच्चों के साथ सुनी प्रधानमंत्री की मन की बात
- राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान के बच्चों के साथ सुनी मन की बात
- सीएम ने संस्थान के बच्चों से भी की बातचीत
- प्रधानमंत्री जी से मिलती है प्रेरणा
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान, देहरादून के सभागार में संस्थान एवं समाज कल्याण विभाग के राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय अधोईवाला के बच्चों के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मन की बात सुनी। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश में विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वालों को वैश्विक पहचान दिलाने का कार्य किया है। प्रधानमंत्री जी ने मन की बात में गोवा में 06 से 08 जनवरी 2023 को आयोजित पर्पल फेस्ट का जिक्र किया जिसमें 50 हजार से अधिक लोग शामिल हुए। जिसमें दिव्यांगजनों के लिए अनेक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए अनेक सराहनीय कार्य हो रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत के प्रस्ताव पर ही संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा हर साल 21 जून को योग दिवस एवं वर्ष 2023 को अन्तरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष मनाने को मंजूरी मिली। उन्होंने कहा कि राज्य में भी जी-20 के तहत जो दो बैठकें होंगी, उनमें मिलेट के व्यंजन भी परोसे जायेंगे। मिलेट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का यह हमारे पास सुनहरा अवसर है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ई-कचरा के सही निस्तारण के लिए प्रधानमंत्री जी ने चिंता व्यक्त की है, ई-कचरे को एकत्रित कर उसकी री-साइकिलिंग के लिए ई-बेस टेक्नोलॉजी को हमें राज्य में बढ़ावा देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा ई-कचरे के लिए रूड़की की एटेरो री-साइकिलिंग की ई-बेस टेक्नोलॉजी का जिक्र किया गया।
उन्होंने रूड़की की एटेरो री-साइकिलिंग की ई-बेस टेक्नोलॉजी द्वारा ई-कचरे के लिए विकसित की गई तकनीक की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान एवं राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय अधोईवाला के बच्चों के साथ प्रधानमंत्री जी की मन की बात सुनकर उन्हें बहुत अच्छा लगा। उन्होंने बच्चों के साथ बातचीत कर उनका हौंसला भी बढ़ाया।