विकल्प रहित संकल्प को लेकर राज्य को हर क्षेत्र में बढ़ाये आगे : धामी

ग्राफिक एरा में उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस शुरू
विकल्प रहित संकल्प लेकर राज्य को आगे बढ़ाये- धामी

देहरादून/लोक संस्कृति 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए विकल्प रहित संकल्प लेने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री श्री धामी आज ग्राफिक एरा में 15 व 16 वीं उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं तकनीकी कांग्रेस का उद्घाटन करने के बाद समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि वैज्ञानिकों के तीन दिन के इस मंथन से ऐसा ज्ञान रूपी अमृत निकलेगा जो देश और राज्य को आगे बढ़ायेगा।

यूकोस्ट की 15 व 16 उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं तकनीकी कांग्रेस में मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति हमारी संस्कृति और विरासत से जुड़ी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में नई शिक्षा नीति लागू की गई है। युवाओं के भविष्य को खुशहाल बनाने के लिए हर पहलू को ध्यान में रखते हुए यह नई शिक्षा नीति बनाई गई है शिक्षा के बारे में जब लोग जानते भी नहीं थे, उस दौर में हमारे देश में तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालय थे। भारत पौराणिक काल से ज्ञान और विज्ञान की धरती रहा है।

उन्होंने देश के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि कोरोनाकाल में शोध और परीक्षण करके दो स्वदेशी वैक्सीनतैयार कर ली गई। पूरे देश में वैक्सीन की दो डोज और तीसरी बूस्टर डोज मुहैया कराना कोई छोटी चुनौती नहीं था, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही यह संभव हो सका कि पूरे देश को वैक्सीन और बूस्टर डोज दी गई। इसके साथ ही दूसरे देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराई गई। पूरे विश्व को अपना परिवार मानने की हमारी सनातन विचारधारा वसुदेव कुटुंबकम का यह उदाहरण कोविड के संकट काल में देखने को मिला। इससे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूरे विश्व में देश का मान सम्मान और स्वाभिमान बढ़ा है।

श्री धामी ने कहा कि टेक्नोलॉजी का उपयोग हमें हर क्षेत्र में करना होगा, चाहे वह व्यापार का क्षेत्र हो या प्रशासन का। मुख्यमंत्री ने कहा कि सन 2025 में जब उत्तराखंड राज्य की रजत जयंती बनाई जाएगी, उत्तराखंड को देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों में शामिल कराना है। इसके लिए सबको मिलकर कार्य करना होगा। इस विज्ञान कांग्रेस में होने वाले मंथन से जो ज्ञान अमृत निकलेगा, उससे एक नई उमंग और ऊर्जा भी मिलेगी, जिससे हमारा राज्य और आगे बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम से हम संकल्प को शक्ति बनाकर “विकल्प रहित संकल्प” के ध्येय वाक्य के साथ आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि साल 2025 उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र से जुड़े सभी वैज्ञानिक एवं शोधार्थियों के सुझाव आमंत्रित हैं। उन्होंने कहा कि हम हर क्षेत्र में विशेषज्ञों के विचारों को लेकर भविष्य का रोडमैप तैयार कर रहे हैं क्योंकि उत्तराखंड को शिखर पर ले जाने की जिम्मेदारी हम सब की सामूहिक रूप से है।

राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी सचिव श्रीमती सौजन्या ने समारोह में कहा कि अभी तक देश में केवल तीन साईंस सिटी बनी हैं, लेकिन अब देहरादून में साईंस सिटी बनेगी। उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस में 17 अलग-अलग विषयों से जुड़े 500 शोध सार आये हैं और देश के विभिन्न हिस्सों के 496 वैज्ञानिक और शोधार्थी भागीदारी कर रहे हैं। इनमें महिला प्रतिभागियों की संख्या 301 है। उन्होंने तीन दिन चलने विज्ञान कांग्रेस के आयोजित तकनीकी सत्रों के विषय में भी जानकारी दी।

यूकोस्ट के महानिदेशक डॉ राजेंद्र डोभाल ने समारोह को संबोधित करते हुए बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस में इलेक्ट्रानिक बेस मैनेजमेंट, स्किल साईंस बायोटेक, कोविड, साईंस कम्यूनिकेशन और पानी पर तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे। राज्य में 250 से ज्यादा शोध एवं विकास के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। राज्य में चार और साईंस सेंटर बनाने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने ग्राफिक एरा को इस कांग्रेस के आयोजन पर साधुवाद देते हुए कहा कि 22 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं वाले संस्थान का नेतृत्व करने वालों का इससे जुड़ना बेहतर नतीजों की ओर संकेत करता है।

ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के अध्यक्ष डॉ कमल घनशाला ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी एक नई ऊर्जा का अहसास कराते हैं। विज्ञान और अन्य सभी क्षेत्रों में उत्तराखंड की प्रतिभाएं विश्व स्तर पर कार्य करके सम्मान हासिल कर रही हैं, ऐसी विभूतियों को उत्तराखंड से जोड़ना जरूरी है, इससे राज्य के विकास की गति और तेज हो जाएगी। डॉ घनशाला ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में उत्तराखंड में बहुत निपुणता से कार्य होगा और विकास की गति बढ़ेगी। डॉ. घनशाला ने मुख्यमंत्री को फाईन आर्ट की फैकल्टी द्वारा तैयार उनका पोट्रेट भेंट किया।

यूकोस्ट के तत्वावधान में इस कांग्रेस का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी कर रही है। उद्घाटन समारोह का आयोजन ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के केपी नौटियाल ऑडीटोरियम में किया गया। उद्घाटन समारोह में सीएसआईआर- आईएचबीटी पालमपुर के निदेश डॉ संजय कुमार, ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ आर सी जोशी, वाइस चांसलर डॉ एच एन नागराजा, महानिदेशक डॉ संजय जसोला, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ जे कुमार, मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ दुर्गेश पंत, यूकोस्ट के संयुक्त सचिव डॉ डी पी उनियाल, आईआईटी रुड़की के प्रो. नवीन नवानी व प्रो. रंजना पठानिया मौजूद रहे।

कांग्रेस के तकनीकी सत्रों में कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी के डॉ जगवीर सिंह, लखनऊ के डॉ डी के उप्रेति, अटल बिहारी वाजपेई आईआईपीएम, ग्वालियर के डॉ एस एन सिंह, दिल्ली यूनिवर्सिटी के डॉ डी एस रावत, डीएसटी नई दिल्ली की डॉ मोनिका अग्रवाल, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के डॉ वीरेंद्र सिंह राणा, इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी के प्रो. बेनीधर देशमुख, इंदौर के प्रो. एस डी उपाध्याय, पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रो. विनय कंवर, कोलकाता के डॉ कैलाश चंद्र, हिमाचल के डॉ अजय के. जोशी और बीएचयू वाराणसी के डॉ ओ पी मिश्रा व डॉ जे एस वोहरा और पूर्व कुलपति प्रो. के एन बोमजाई समेत देश के अनेक प्रमुख वैज्ञानिक शिरकत कर रहे हैं। विज्ञान कांग्रेस के आयोजन सचिव डॉ आशुतोष मिश्रा हैं।

मनोज व निर्मल को बैस्ट टीचर एवार्ड

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस में टिहरी के राजकीय हायर सेकेंड्री स्कूल टिहरी के मनोज किशोर बहुगुणा और नवोदय विद्यालय खटीमा के निर्मल कुमार न्योलिया को यूकोस्ट का नासी बैस्ट साईंस टीचर एवार्ड दिया गया। मुख्यमंत्री श्री धामी ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस पर आधारित पुस्तक और डॉ राजेंद्र डोभाल की पुस्तक दृ उत्तराखंड के बहुमूल्य उत्पाद का भी लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने देखे ग्राफिक एरा के स्टार्ट अप

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस के अवसर पर ग्राफिक एरा में छात्र-छात्राओं की नई खोजों और अपनी धाक जमा रहे स्टार्ट अप की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदर्शनी में ड्रोन बनाने की कम्पनी स्थापित करके देश में अपनी पहचान बनाने वाले पूर्व छात्रों व मौजूदा उद्यमियों से बातचीत की। उन्होंने अनेक स्टालों पर जाकर तकनीकों और उत्पादों की जानकारी ली।