अल्मोड़ा / लोक संस्कृति
जिलाधिकारी वन्दना ने डेंगू रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग, नगर पालिका, पंचायती राज, शिक्षा, जल संस्थान आदि विभागों को डेंगू रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये है। उन्होने कहा कि आमजन की सहभागिता से डेंगू के खतरे को रोका जा सकता है तथा डेंगू से बचाव के लिए जागरूकता भी जरूरी है।
जिलाधिकारी नेे कहा कि विशेष सावधानी रखकर ही हम स्वयं, अपने परिवार व आस-पड़ोस को डेंगू से आसानी से बचा सकते हैं। डेंगू से बचाव के लिए सबसे सरल उपाय डेंगू फैलाने वाले मच्छरों को पनपने से रोकना है, जिसके लिए घर और आसपास साफ-सफाई के साथ ही पानी एकत्र न होने देना है।
जिलाधिकारी ने शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी डेंगू मच्छर से निजात मिल सकें इसके लिए उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में जिला पंचायत राज अधिकारी को ग्राम स्तर पर ग्राम प्रधानों के साथ समन्वय स्थापित कर व शहरी क्षेत्रो में अधि0अभि0 जल संस्थान को पानी के टैंकों की बेहतर सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि प्राकृतिक स्रोतों की सफाई के लिए बेहतर साफ-सफाई कराने के साथ ही इसके आस-पास ब्लीचिंग पाउडर इत्यादि का छिडकाव किया जाय जिससे सभी लोगों को शुद्ध पानी उपलब्ध हो सके।
जिलाधिकारी ने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को निर्देश दिये कि मानसून व गर्मी में डेंगू मच्छर अधिक पनपते हैं इसलिए यह जरूरी हैं कि नगर क्षेत्र की बेहतर साफ-सफाई व्यवस्था करने के साथ ही क्षेत्र में निरन्तर फांगिंग भी की जाय। सभी प्रतिष्ठानों के स्वामियों को खाने-पीने की वस्तुओं को ढक कर रखने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दियें जाय।
उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दियें कि जनपद के सभी चिकित्सालयों में डेंगू के रोकथाम के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कराते हुए सभी चिकित्सालयों की बेहतर साफ-सफाई सुनिश्चित की जाय। तथा डेंगू के लक्षण एव बचाव के संबंध में पोस्टर व पंपलेट तैयार करते हुए नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग विभागों के फील्ड कर्मचारियों के माध्यम से वितरित कराने के साथ ही अधिक से अधिक लोंगो को जागरूक किया जाय।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ आर0सी0 पंत ने डेंगू के लक्षण के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि डेंगू होने पर अचानक तेज सिर दर्द व बुखार का होना, मांसपेशियों व जोंडों में दर्द होना, आंखों के नीचे दर्द होना, जो आंखों को घुमाने से बढता है, जी मिचलाना एवं उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक, मुंह व मसूडों से खून आना अथवा त्वचा पर चकत्ते उभरना आदि इसके लक्षण हैं।
उन्होंने कहा कि डेंगू के लक्षण होने पर घबराने की जरूरत नहीं हैं, तथा डाक्टरी सलाह लेने पर ही दवा लेने, अधिक मात्रा में उबला पानी पीने तथा पौष्टिक आहार लेने को कहा। डेंगू फैलाने वाला मच्छर रूके हुए साफ पानी में पनपता हैं। इसके लिए उन्होंने पानी की टंकी, जल भंडारण की वस्तुओं को ढ़क कर रखने तथा सभी गुलदस्तों, पानी के बर्तनों, फ्रीज और कूलर का सारा पानी समय-समय पर अवश्य पूरी तरह से खाली करने और साफ-सफाई का विशेष ध्यान देने की लोगो से अपील की है।