“ऋणंम कृत्वा, घृतंम पिवेत” की सूक्ति को सार्थक करने वाला बजट है
देहरादून/लोकसंस्कृति
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा की धामी 2.0 सरकार का बजट “ऋणंम कृत्वा, घृतंम पिवेत” की सूक्ति पर खरा उतरता है इस कार्यकाल में भी सरकार ने राज्य को और कर्ज में डुबाने वाला बजट पेश किया है। आर्य ने कहा कि बजट दिशाहीन है और जन सामान्य की उम्मीदों को पूरा नहीं करता। रिवर्स पलायन के लिए इसमें ठोस योजनाएं नहीं है। महंगाई, बेरोजगारी दूर करने का भी रोडमैप नहीं है। सरकार चाहती तो पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम करके राज्य की जनता की मदद कर सकती थी, पर ऐसा नहीं किया।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा आज जब सभी राष्ट्र और राज्य अपने पर बढते कर्जे से परेशान हैं तब उत्तराखंड की सरकार दिन प्रतिदिन राज्य को कर्जे में डुबा रही है। पिछले पांच सालों में सरकार ने लगभग 70 हजार करोड़ रुपया कर्जे के रूप में लिया है। इस कार्यकाल में भी सरकार ने राज्य को और कर्जे में डूबने वाला बजट पेश किया है।
उन्होने कहा यह बजट दिशाहीन है और राज्य के जनसामान्य की उम्मीदों को कहीं से भी पूरा नहीं करता। रिवर्स पलायन हेतु सुनियोजित योजना इसमें नहीं है। महंगाई, बेरोजगारी दूर करने को भी कोई रोडमैप नहीं है। निराशाजनक बजट है, बेरोजगारों-नौजवानों को रोजगार न देने वाला बजट है, यह किसान-विरोधी बजट है, यह महिला-विरोधी और पक्षपातपूर्ण बजट है, पिछड़े- दलितों और अल्पसंख्यकों का विरोधी बजट है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा सरकार का बजट पूरी तरह झूठ की नींव खड़ा है और इसमें कदम-कदम पर जनता को गुमराह किया गया है एवं भ्रमित करने की पूरी कोशिश की गई है। प्रदेश में महंगाई को लेकर हाहाकार मचा है और सरकार से अपेक्षा थी कि ऐसा बजट आएगा कि जिंदगी को थोड़ा आसान बना देगा, लेकिन यह ऐसा बजट आया है कि जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।
सरकार चाहती तो पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम करके राज्य की जनता को मदद कर सकती थी पर ऐसा नही किया।