रामविलास यादव ने गिरफ्तारी से बचने को किया उत्तराखंड उच्च न्यायालय का रुख
गिरफ्तारी पर स्टे की आस लगाए उच्च न्यायालय में दायर की गई है याचिका
दायर याचिका में दिया वर्तमान संपत्ति में अधिकांश निजी संपत्ति का हवाला
देहरादून/लोकसंस्कृति
लखनऊ विकास प्राधिकरण के पूर्व सचिव और वर्तमान में उत्तराखंड शासन में अपर सचिव समाज कल्याण के पद पर तैनात हैं।
उत्तराखंड कैडर के आईएएस रामबिलास यादव ने अपनी गिरफ्तारी के लिए उत्तराखंड उच्च न्यायालय में गुहार लगाई।
विजिलेंस की ओर से आय से अधिक संपत्ति के मामले में आईएएस रामबिलास यादव पर आरोप भी लगाए गए हैं। साथ ही उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है।
आईएएस अधिकारी यादव का कहना है कि उनके पास मौजूदा संपति से अधिकांश उनकी पुश्तैनी संपत्ति है।
रामबिलास यादव ने कहा कि उनकी पुत्री भी अमेरिका में वकालत करती है, और साथ ही वह भी धनराशि भेजती है।
यादव ने कहा कि वह विजिलेंस की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच में पूरी तरह से सहयोग के लिए तैयार हैं।
यादव ने कहा कि इसके चलते उनका किसी भी प्रकार से उत्पीड़न न किया जाए और उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए।
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